
प्रज्ञा सातव का भापजा में स्वागत करते रवींद्र चव्हाण व चंद्रशेखर बावनकुले (सोर्स: सोशल मीडिया)
Congress Leader Pradnya Satav Joins BJP: महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों से ठीक पहले, कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस की नेता और विधान परिषद सदस्य (MLC) प्रज्ञा सातव ने गुरुवार को अपने पद से इस्तीफा देने के बाद भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली।
प्रज्ञा सातव ने भाजपा के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण और राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले की उपस्थिति में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। उनके साथ ही सोलापुर के पूर्व विधायक दिलीप माने ने भी भाजपा का दामन थामा। सूत्रों के मुताबिक, दिन में विधान परिषद के सभापति राम शिंदे से बातचीत करने के बाद सातव ने विधानमंडल सचिवालय को विधान परिषद सदस्य के पद से अपना इस्तीफा सौंप दिया था।
भाजपा कार्यालय, मुंबई येथे माजी आमदार @SATAVRAJEEV ताई यांच्या नेतृत्वात काँग्रेसचे जिल्हा परिषद माजी सदस्य शिवाजीराव मस्के, जिल्हा प्रवक्ता तथा उपाध्यक्ष विलास गोरे, कळमनुरीचे तालुकाध्यक्ष भागवत चव्हाण, माजी जिल्हा परिषद सदस्य तथा औंढा नागनाथचे तालुकाध्यक्ष पंकज जाधव, खेर्डा… pic.twitter.com/j3okbtAhn3 — Chandrashekhar Bawankule (@cbawankule) December 18, 2025
स्थानीय निकाय चुनावों के ठीक बीच में सातव के इस्तीफे को कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। प्रज्ञा सातव पहली बार 2021 में महाराष्ट्र विधान परिषद की सदस्य चुनी गई थीं। उन्हें जुलाई 2024 में दूसरी बार विधान परिषद के लिए नामित किया गया था और उनका कार्यकाल 2030 तक निर्धारित था। राज्य में आगामी 15 जनवरी को 29 नगर निगमों के चुनाव होने हैं और मतगणना इसके अगले दिन होगी।
प्रज्ञा सातव महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र के हिंगोली जिले की निवासी हैं। प्रज्ञा सातव दिवंगत कांग्रेस नेता राजीव सातव की पत्नी हैं, जिन्हें लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी का बेहद करीबी और भरोसेमंद माना जाता था। पति राजीव सातव के निधन के बाद प्रज्ञा सातव ने महाराष्ट्र कांग्रेस की उपाध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया था।
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राजीव सातव की गिनती राहुल गांधी के सबसे भरोसेमंद साथियों में की जाती थी। साल 2014 की मोदी लहर में महाराष्ट्र से कांग्रेस के सिर्फ दो सांसद चुने गए थे। इनमें राजीव सातव भी शामिल थे। इसी वजह से दे चर्चा में आए थे। उसके बाद राजीव ने दिल्ली में अपनी खास जगह बना ली थी, राहुल ने सातव को गुजरात कांग्रेस का प्रभारी बनाया था, जहां उनकी अगुवाई में पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन साल 2021 में कोरोना की वजह से उनका असमय निधन हो गया।
कांग्रेस ने प्रज्ञा को विधान परिषद का उम्मीदवार बनाया और वे पहली बार 2021 में हुए उपचुनाव में बिना किसी विरोध के चुनी गई। फिर 2024 में हुए चुनावों में वह कांग्रेस से दूसरी बार लेजिस्लेटिव काउंसिल के लिए चुनी गई, उनका टर्म 2030 तक है। लेकिन इससे पहले अब उन्होंने पाला बदलने का फैसला किया है। यह कांग्रेस के लिए बड़ा सेटबैक है।






