प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना, राष्ट्रीय दलहन मिशन की शुरुआत (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Mumbai: प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना, राष्ट्रीय दलहन मिशन एवं अन्य योजनाओं का शुभारंभ अंधेरी ( पश्चिम ) स्थित यारी रोड स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, केंद्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान में शनिवार को किया गया। यह कार्यक्रम नई दिल्ली स्थित एनएएससी परिसर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लाइव प्रसारण से जुड़ा रहा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता निदेशक डॉ. एन. पी. साहू ने की, जबकि बतौर मुख्य अतिथि महाराष्ट्र सरकार के मत्स्य एवं बंदरगाह विकास मंत्री नितेश राणे उपस्थित रहे। डॉ. साहू ने संस्थान की भूमिका, मत्स्य क्षेत्र में नवाचार, अनुसंधान व क्षमता निर्माण पर प्रकाश डाला और महाराष्ट्र सरकार की योजनाओं की सराहना की। नितेश राणे ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्ष्य है कि भारत का मत्स्य क्षेत्र आत्मनिर्भर, सशक्त और आधुनिक बने।
मात्स्यिकी को कृषि के समकक्ष दर्जा मिलने को ऐतिहासिक कदम
उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के दूरदर्शी नेतृत्व की भी प्रशंसा करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने मत्स्य, जल परिवहन और तटीय विकास के क्षेत्र में जो ठोस पहल की हैं, वे प्रधानमंत्री के विजन को धरातल पर उतारने में मील का पत्थर साबित हो रही हैं। उन्होंने मात्स्यिकी को कृषि के समकक्ष दर्जा मिलने को ऐतिहासिक कदम बताया और केंद्र व राज्य सरकारों के समन्वित प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि मछली पकड़ना केवल एक व्यवसाय नहीं, बल्कि कौशल, धैर्य और नवाचार का संगम है और महाराष्ट्र सरकार मछुआरों की आय और सम्मान बढ़ाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है।
विशेष संवाद सत्र
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद व केंद्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान के वैज्ञानिकों ने नई योजनाओं के प्रमुख उद्देश्यों पर जोर दिया, जिनमें उत्पादकता वृद्धि, डिजिटल साक्षरता, महिला सशक्तिकरण और क्षमता निर्माण प्रशिक्षण शामिल हैं। एक विशेष संवाद सत्र मन की बात मछुआरों और मत्स्य कृषकों के साथ किया गया, जिसमें किसानों और मछुआरों ने अपने अनुभव साझा किए।
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राष्ट्रीय स्तर पर आरंभ की गई योजनाओं में प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना एवं दलहन आत्मनिर्भर मिशन प्रमुख हैं, जिनका कुल बजट 42,000 करोड़ है। समापन पर डॉ. स्वदेश प्रकाश, प्रधान वैज्ञानिक एवं कार्यक्रम समन्वयक ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए संस्थान की प्रतिबद्धता दोहराई कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, केंद्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान नवाचार, समावेशिता और उत्कृष्टता के माध्यम से भारत के मत्स्य क्षेत्र की प्रगति हेतु सतत प्रयासरत रहेगा।