संजय राउत (सौजन्य-सोशल मीडिया)
मुंबई: शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने शुक्रवार को कहा कि महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के सहयोगी, एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार के प्रति कोई नाराजगी नहीं है, क्योंकि शरद पवार ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को महादजी शिंदे राष्ट्र गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया है।
मीडियाकर्मियों से बात करते हुए राउत ने कहा कि पुरस्कार देने से इनकार करना उस व्यक्ति का अपमान होगा जिसके नाम पर पुरस्कार दिया जाता है। राउत ने कहा, “पवार साहब के प्रति कोई नाराजगी नहीं है। उनका सम्मान करना सम्मान की बात है, और पुरस्कार न देना उस व्यक्ति का अपमान होगा जिसके नाम पर पुरस्कार दिया जाता है। पवार साहब हमारे लिए पिता समान हैं।”
संजय राउत ने कहा, “जब अमित शाह महाराष्ट्र आते हैं और शरद पवार के खिलाफ बोलते हैं, तो ये लोग कुछ नहीं कहते। तब वे कहां चले गए थे?” यह मंगलवार को नई दिल्ली में 98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के दौरान एकनाथ शिंदे को महादजी शिंदे राष्ट्र गौरव पुरस्कार प्रदान किए जाने के बाद आया है।
संजय राउत ने इस पवार की शिंदे की जमकर प्रशंसा किए जाने पर भी आलोचना की। इसकी वजह से ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने दिल्ली में आयोजित सम्मेलन के दौरान राजनीतिक लॉबिंग का गंभीर आरोप लगाया था। शिंदे को पुरस्कार देने पर ऐतराज जताते हुए राउत ने कहा कि वे किसी को भी पुरस्कार दे रहे हैं, किसी को भी किसी भी तरह से सम्मानित कर रहे हैं। साहित्य से उनका (शिंदे) क्या रिश्ता है?
उन्होंने निशाना साधते हुए कहा था कि हमें दिल्ली की राजनीति का तो पता नहीं, लेकिन राजनीति हम भी समझते हैं। राजनीति में कुछ बातों को टालना जरूरी होता। राउत ने कहा शाह ने शिंदे की मदद से महाराष्ट्र को तोड़ने का काम किया था। महाराष्ट्र के टुकड़े करने का प्रयास करनेवाले कि पवार ने शिंदे को नहीं बल्कि अमित शाह को सम्मानित किया है। क्योंकि शिंदे, अमित शाह के प्रतिनिधि हैं और शिंदे की पार्टी शाह की पार्टी है।
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यह सम्मेलन मराठी साहित्य, भाषा और संस्कृति पर केंद्रित एक वार्षिक सम्मेलन है। इस कार्यक्रम में केंद्रीय संचार और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित वरिष्ठ नेता शामिल हुए थे। कार्यक्रम के दौरान शरद पवार और एकनाथ शिंदे ने मंच साझा किया, जिस पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं सामने आईं।