नवी मुंबई महानगरपालिका (pic credit; social media)
Navi Mumbai Municipal Corporation: नवी मुंबई मनपा द्वारा नई प्रभाग संरचना लागू किए जाने के बाद भाजपा के नेताओं में चिंता की लहर दौड़ गई है। वन मंत्री गणेश नाईक समेत अन्य भाजपा नेता मानते हैं कि नई संरचना से उनकी पार्टी को चुनाव में नुकसान हो सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रभाग संरचना में बदलाव जरूरी है अन्यथा अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा।
भाजपा नेताओं ने अंतिम आपत्ति की तारीख पर पूर्व सांसद संजीव नाईक के नेतृत्व में मनपा चुनाव अधिकारी से मुलाकात की और बदलाव की मांग दोहराई। भाजपा का आरोप है कि चार प्रत्याशियों के एक प्रभाग बनाने के तरीके में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का प्रभाव साफ दिखाई दे रहा है। उनका कहना है कि यह संरचना शिवसेना के पक्ष में की गई है और भाजपा को पैनल में मुश्किलें खड़ी करने का काम करती है।
वन मंत्री गणेश नाईक ने 14 गांवों को नवी मुंबई मनपा में शामिल करने के विरोध को भी याद दिलाया। उनके अनुसार, विरोध के बावजूद इन गांवों को मनपा से अलग नहीं किया गया और चुनाव प्रक्रिया में शामिल किया गया। इससे नवी मुंबई में भाजपा नेताओं को नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह मुख्य मुकाबला भाजपा और शिवसेना के बीच होगा।
शिवसेना नेताओं का कहना है कि इस बार मनपा पर उनका वर्चस्व कायम रहेगा और भाजपा नेताओं की मनमर्जी नहीं चल रही है, इसीलिए वे परेशान हैं। बेलापुर विधानसभा क्षेत्र के जिला प्रमुख किशोर पाटकर ने कहा कि इस बार नवी मुंबई में शिवसेना सत्ता में आएगी और भाजपा को हार का डर सताने लगा है।
भाजपा और शिवसेना दोनों ही दल विधानसभा चुनाव के बाद जनाधार बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। पूर्व नगरसेवक जो एनसीपी में गए और अब भाजपा में लौट आए हैं, उनके पुराने कार्यकर्ताओं के साथ टिकट बंटवारे को लेकर विवाद की अटकले भी शुरू हो गई हैं।
भाजपा नेताओं की नाराजगी का मुख्य कारण यह है कि प्रभाग संरचना उनकी पार्टी के लिए अनुकूल नहीं है और चुनाव जीतने की संभावनाएं कम हो सकती हैं। वहीं, शिवसेना नेताओं का मानना है कि नए संरचना से भाजपा कार्यकर्ताओं में असंतोष फैल रहा है और इसका फायदा उनकी पार्टी को मिलेगा।