गारगाई डैम (pic credit; social media)
Mumbai Gargai Dam: मुंबई की पानी की किल्लत दूर करने के लिए अब गारगाई डैम की तैयारी तेज हो गई है। बीएमसी का दावा है कि पालघर जिले के चंदा तालुका के ओगडे गांव में बनने वाला गारगाई डैम मुंबई की प्यास बुझाने में अहम साबित होगा। फिलहाल मुंबई को रोजाना 4,500 मिलियन लीटर पानी की जरूरत होती है लेकिन सप्लाई महज 4,000 एमएलडी तक ही हो पाती है। यही वजह है कि बीएमसी इस डैम को शहर की जल आपूर्ति का नया सहारा बता रही है।
इस डैम को बनाने के लिए करीब 845 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है। इसमें 657 हेक्टेयर वन विभाग और 186 हेक्टेयर निजी जमीन शामिल है। डैम की लंबाई 972 मीटर और ऊंचाई 69 मीटर होगी। इसे रोलर कॉम्पैक्टेड टेक्नोलॉजी से बनाया जाएगा ताकि मजबूती और सुरक्षा बनी रहे।
सबसे बड़ी चुनौती है जंगल और लोगों का विस्थापन। डैम बनने की वजह से करीब 3 लाख 10 हजार पेड़ों पर खतरा मंडरा रहा है। हालांकि बीएमसी का कहना है कि इनमें से बड़ी संख्या में पेड़ों को काटा नहीं जाएगा बल्कि दूसरे इलाकों में ट्रांसप्लांट किया जाएगा। बावजूद इसके पर्यावरण प्रेमी इस योजना का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि लाखों पेड़ों को हटाने से न सिर्फ पर्यावरण को नुकसान होगा बल्कि जंगली जीव-जंतु भी प्रभावित होंगे।
इसी प्रोजेक्ट के चलते 619 परिवारों को पुनर्वास के लिए चिह्नित किया गया है। इनका पुनर्वसन पालघर के याती इलाके में फॉरेस्ट डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ महाराष्ट्र (FDCM) की जमीन पर किया जाएगा। फिलहाल इसकी मंजूरी का इंतजार है और ग्रीन सिग्नल मिलते ही पुनर्वास की प्रक्रिया तेज होने की उम्मीद है।
डैम बनने के बाद मुंबई को 440 एमएलडी अतिरिक्त पानी मिलने लगेगा। राज्य वन्यजीव मंडल इस प्रोजेक्ट को पहले ही मंजूरी दे चुका है जबकि राष्ट्रीय वन्यजीव मंडल की मंजूरी अंतिम चरण में है। बीएमसी ने क्षतिपूरक हरितीकरण का भी प्लान तैयार कर लिया है ताकि पर्यावरणीय नुकसान को कुछ हद तक संतुलित किया जा सके।
बीएमसी का कहना है कि इस प्रोजेक्ट के साथ ही भांडुप कॉम्प्लेक्स में नया जल शुद्धीकरण संयंत्र भी बनाया जा रहा है। पुराने प्लांट को 100 साल हो चुके हैं और अब इसे नए संयंत्र से रिप्लेस किया जाएगा। अधिकारियों का दावा है कि गारगाई डैम बनने से मुंबई की पानी की समस्या काफी हद तक कम हो जाएगी।