मुंबई मंत्रालय (pic credit; social media)
Maharashtra cabinet: महाराष्ट्र कैबिनेट ने राज्य की शहरी विकास परियोजनाओं को रफ्तार देने के लिए बड़ा फैसला लिया है। अब सरकार HUDCO से ₹2,000 करोड़ का कर्ज लेगी ताकि शहरों में जलापूर्ति, सीवेज सुधार और अन्य आधारभूत संरचना परियोजनाओं को समय पर पूरा किया जा सके। यह फैसला न सिर्फ़ मुंबई बल्कि पूरे महाराष्ट्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
इस कर्ज से खासकर उन प्रोजेक्ट्स को गति मिलेगी जो लंबे समय से अटके हुए हैं। जलापूर्ति और सीवेज सुधार से सीधे तौर पर लाखों नागरिकों को राहत मिलेगी। साथ ही सहारा 2.0 और स्वच्छ भारत 2.0 जैसे अभियानों को भी इससे ताकत मिलेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि इस वित्तीय सहयोग से राज्य में शहरी जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा और लोगों को बेहतर मूलभूत सुविधाएँ मिलेंगी।
कैबिनेट बैठक में एक और अहम फैसला हुआ। मुंबई मेट्रो लाइन 11, जिसकी लागत ₹23,488 करोड़ बताई जा रही है, को भी मंजूरी दे दी गई है। यह मेट्रो लाइन दक्षिण मुंबई के प्रमुख स्थलों जैसे गेटवे ऑफ इंडिया, मरीन ड्राइव और अन्य महत्वपूर्ण इलाकों को जोड़ेगी। इससे यात्रियों को तेज़ और सुरक्षित यात्रा का विकल्प मिलेगा और दक्षिण मुंबई के ट्रैफिक दबाव में भी कमी आएगी।
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सरकार का मानना है कि मेट्रो लाइन 11 भविष्य में मुंबई के ट्रांसपोर्ट नेटवर्क की रीढ़ साबित होगी। अब तक मुंबई की मेट्रो परियोजनाओं पर समय और बजट को लेकर सवाल उठते रहे हैं, लेकिन इस बार कैबिनेट ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि काम तय समय पर पूरा किया जाएगा।
शहरी विकास विशेषज्ञों ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है। उनका कहना है कि HUDCO जैसे वित्तीय संस्थानों से सहयोग लेकर राज्य सरकार ने दिखा दिया है कि वह आधारभूत संरचना को लेकर गंभीर है।
नागरिकों का भी मानना है कि यदि ये प्रोजेक्ट तय समय पर पूरे हो गए तो शहर का चेहरा बदल जाएगा। खासतौर पर मेट्रो लाइन 11 से दक्षिण मुंबई में रहने वाले और रोज़ाना काम पर आने-जाने वालों को बड़ी राहत मिलेगी।
कुल मिलाकर, महाराष्ट्र कैबिनेट के इस फैसले से साफ हो गया है कि सरकार मुंबई और राज्य के शहरी क्षेत्रों के विकास को लेकर आक्रामक रुख अपनाए हुए है और आने वाले वर्षों में नागरिकों को इसका सीधा फायदा मिलेगा।