गणेशोत्सव में ढोल की कीमतें 15% बढ़ी (pic credit; social media)
Maharashtra News: गणेश चतुर्थी नजदीक आते ही बाजारों में उत्सव की रौनक बढ़ने लगी है। आरती और भजन के दौरान इस्तेमाल होने वाली ढोलकें अब बाजार में बड़ी संख्या में उपलब्ध हैं। नवी मुंबई, पनवेल और उरण क्षेत्र में ढोल विक्रेताओं ने अपनी दुकानें सजा ली हैं, जहां छोटे से लेकर बड़े और जंबो आकार तक की ढोलकें खरीदी जा सकती हैं। दुकानों से लगातार उठती ढोल की आवाज पूरे बाजार में उत्सव का माहौल बना रही है।
विक्रेताओं का कहना है कि इस बार ढोल की कीमतों में लगभग 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। दरअसल, ढोल बनाने में इस्तेमाल होने वाली लकड़ी और अन्य कच्चे माल की कीमत में पिछले कुछ महीनों में काफी बढ़ोतरी हुई है। लकड़ी से बनी ढोल पर 500 से 1000 रुपये तक की बढ़ोतरी हुई है, जबकि पुठे (फाइबर) से बने ढोल की कीमत लगभग 100 रुपये बढ़ी है।
बाजार में उपलब्ध ढोल की कीमतें 1500 रुपये से शुरू होकर 4000 रुपये तक हैं। इनमें कटहल, आम, शीशम और पारंपरिक लकड़ी से बने ढोल विशेष रूप से ग्राहकों का ध्यान खींच रहे हैं। विक्रेता परिवार पीढ़ियों से ढोल बनाने और बेचने का काम करते आ रहे हैं और गणेशोत्सव के मौके पर यह कारोबार उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।
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गौरतलब है कि इस वर्ष 27 अगस्त को सार्वजनिक पंडालों और घरों में गणेश प्रतिमाओं की स्थापना की जाएगी। परंपरा के अनुसार, गणेश आरती और भजनों में ढोल की ध्वनि विशेष महत्व रखती है। कई जगहों पर गणेशोत्सव डेढ़ दिन, पांच दिन या दस दिन तक मनाया जाएगा।
महंगाई भले ही बढ़ गई हो, लेकिन गणेश भक्तों में उत्साह कम नहीं हुआ है। ढोल विक्रेताओं का मानना है कि जैसे-जैसे प्रतिमा स्थापना का दिन नजदीक आएगा, बाजार में ढोल की मांग और भी बढ़ेगी।