आपला दवाखाना में गंदगी (pic credit; social media)
Balasaheb Thackeray Aapla Dawakhana: कांदिवली-पोईसर का ‘बालासाहेब ठाकरे आपला दवाखाना’ मरीजों के लिए खतरा बन गया है। दवाखाना में गंदगी और सुविधाओं की कमी के चलते मच्छर जनित बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। डॉक्टर और स्टाफ भी बीमार हो रहे हैं। मरीज खांसी, जुकाम जैसी सामान्य बीमारियों के लिए आते हैं, लेकिन मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों के संपर्क में आ जाते हैं। शाम होते ही परिसर में मच्छरों का आतंक शुरू हो जाता है।
दवाखाने में डॉक्टर की केबिन में भी पानी बिखरा रहता है और सफाई के अभाव में पानी में मच्छर पनपते हैं। पीने के लिए साफ पानी तक उपलब्ध नहीं है। प्यूरीफाय टंकी धूल से भरी हुई है। अस्पताल में कचरे का उचित प्रबंध नहीं है और बायो-मेडिकल कचरे को बीएमसी लेने में दो महीने लग जाते हैं।
कुछ मरीजों ने बताया कि दवाइयों का अभाव भी गंभीर समस्या है। कई बार उन्हें दवाइयां बाहर से लानी पड़ती हैं। वसुंधरा उबाले, पूर्व सभापति, ने कहा कि प्रशासन को तत्काल हस्तक्षेप कर परियोजना को सक्रिय करना चाहिए।
हिन्दुस्तान सेवा संस्था के उपाध्यक्ष योगेश मिश्रा ने कहा कि अगस्त 2025 में स्वास्थ्य विभाग को पत्र भेजा गया था, पर समस्या का समाधान अभी तक नहीं हुआ। डॉ. अक्षय बीर ने बताया कि गंदगी और सुविधाओं के अभाव में स्टाफ बीमार हो चुका है और मरीजों को मलेरिया, डेंगू जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
मरीज संजय वर्मा ने बताया कि दवा पूरी नहीं मिली। सिरप केवल एक दिन का ही दिया गया। स्टाफ ने कहा कि स्टॉक कम है। प्रशासन को तुरंत कदम उठाने की जरूरत है।
स्वास्थ्य विभाग की चीफ मेडिकल अधिकारी पूजा देसाई को कई बार संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। दवाखाना में साफ पानी, पर्याप्त दवाइयां और कचरे का सही प्रबंधन सुनिश्चित करना अब प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए।