पुणे भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (pic cfredit; social media)
Bribery banned in 26 villages of Pune: रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए पुणे एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) अब सीधे जनता के पास पहुंचेगा। सहायक पुलिस आयुक्त दयानंद गावडे ने बताया कि 13 से 16 अक्टूबर तक जिले के 26 गांवों में एक विशेष जनजागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत अधिकारी सीधे नागरिकों से संवाद स्थापित करेंगे और भ्रष्टाचार के मामलों में तुरंत शिकायत दर्ज कराएंगे।
अब किसी भी अधिकारी या मध्यस्थ से रिश्वत की मांग होने पर लोग एसीबी कार्यालय आने की जगह अपने गांव में ही शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
इस अभियान के दौरान अधिकारियों का दौरा चार दिनों में निर्धारित गांवों में होगा। सोमवार 13 अक्टूबर को सहायक पुलिस निरीक्षक भारती मोरे सासवड, जेजुरी और नीरा में, निता मिसाल वडगांव मावल और लोणावला में, तथा सतीश वालके खंड और चाकण में उपस्थित होंगे।
अधिकारियों की टीम तहसील के सरकारी गेस्ट हाउस में रहकर स्थानीय समाजसेवकों, गैर-सरकारी संगठनों और नागरिकों से मुलाकात करेगी।चार दिवसीय मुहिम में अधिकारी शिकायतों को मौके पर ही दर्ज करेंगे और उनका त्वरित समाधान करने का प्रयास करेंगे। साथ ही नागरिकों को भ्रष्टाचार विरोधी कानून की जानकारी दी जाएगी।
इसे भी पढ़ें- 5 साल 55 कार्रवाई…ACB ने जारी की रिपोर्ट, रिश्वतखोरों की लिस्ट देख हो जाएंगे हैरान
यदि कोई लोक सेवक, अधिकारी या उनका एजेंट गैरकानूनी शुल्क या रिश्वत मांगता है, तो तुरंत शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। वैकल्पिक रूप से पुणे एसीबी के फोन नंबर 020-26122134, 26132802 और 26050423 पर संपर्क कर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।
पुलिस अधीक्षक शिरीष सरदेशपांडे ने कहा कि यह अभियान जिले में भ्रष्टाचार पर नियंत्रण लाने और नागरिकों में जागरूकता बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण कदम है। इस मुहिम से न सिर्फ ग्रामीण नागरिकों को अधिकारों की जानकारी मिलेगी बल्कि भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों पर भी दबाव बढ़ेगा।
चार दिनों के दौरे में बारामती, मोरगांव, वाघोली, शिक्रपुर, शिरूर, आलेफाटा, जुन्नर, मंचर, भिगवण, इंदापुर, लोगी कालभोर, दौंड, वदत, भोर, राजगड, वेल्हा, पिरंगुट और पीठ जैसे क्षेत्रों में अधिकारी उपस्थित रहेंगे और नागरिकों के सवालों का जवाब देंगे।
इस अभियान से नागरिकों में विश्वास बढ़ेगा और रिश्वतखोरी जैसी घिनौनी प्रथा पर अंकुश लगेगा। एसीबी अधिकारियों का मानना है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है।