
डिजिटल अरेस्ट (कांसेप्ट फोटो सौ. सोशल मीडिया)
Digital Arrest Crime In Mumbai: दक्षिण मुंबई के अग्रीपाड़ा निवासी एक व्यवसायी को साइबर ठगों ने, रातभर ‘डिजिटल अरेस्ट’ में रखकर उनसे 53 लाख रुपये ठग लिया। पुलिस ने अज्ञात जालसाजों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस अधिकारी के अनुसार, ठगों ने खुद को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) का, अधिकारी राजीव सिन्हा बताकर फोन किया था। उन्होंने दावा किया कि व्यवसायी के नाम पर जारी सिम कार्ड से धोखाधड़ी हुई है। दिल्ली पुलिस के समक्ष दो घंटे में पेश होना होगा।
जब व्यवसायी ने दिल्ली आने में असमर्थता जताई, तो वीडियो कॉल पर ठगों ने धनशोचन का आरोप लगाया और आधार कार्ड से दिल्ली के दरियागंज बैंक में खाता खोलने की बात कही। रातभर पूछताछ में कई व्यक्ति वरिष्ठ अधिकारी बनकर आए।
जिन्होंने ‘भ्रष्टाचार निरोधक शाखा’, ‘निरीक्षण विभाग’ और ‘प्रवर्तन निदेशालय’ के फर्जी, लेटर हेड पर नोटिस दिखाए, व्यवसायी को कमरे में कैद रखा गया, संपत्ति का विवरण लिया गया और अगले दिन ऑनलाइन जमानत सुनवाई का बहाना बनाया।
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‘सुनवाई’ में ‘अदालत’ ने जमानत ठुकरा दी और बैंक खाते फ्रीज करने का आदेश दिया, ठगों ने सुप्रीम कोर्ट का फर्जी नोटिस भेजकर 53 लाख रुपये एक खाते में जमा करवाए। अतिरिक्त मांग पर व्यवसायी को शक हुआ। शौचालय जाने के बहाने बाहर निकलकर उन्होंने हेल्पलाइन 1930 पर कॉल किया, ‘डिजिटल अरेस्ट’ साइबर ठगी का नया रूप है, जहां ठग ऑडियो-वीडियो कॉल से धमकाकर पैसे ऐंठते हैं।






