बेस्ट (सौ. सोशल मीडिया )
Mumbai News In Hindi: बेस्ट उपक्रम ने नई इलेक्ट्रिक बसों की डिलीवरी में लगातार हो रही देरी के कारण निजी बस निर्माताओं और ठेकेदारों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने पर विचार शुरू किया है। यह कदम ऐसे समय में उठाया जा रहा है, जब बसों की संख्या में तेजी से कमी आने के कारण कई मार्गों पर सेवाएं प्रभावित हो रही हैं।
वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार बेस्ट ने इस मामले में कानूनी रूप से आगे कैसे बढ़ा जाए, इसके लिए केंद्रीय वित्त मंत्रालय और भारी उद्योग मंत्रालय से परामर्श मांगा है। यह गतिरोध दो प्रमुख निर्माताओं, स्विच मोबिलिटी और ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक से जुड़ा है, जो वेट-लीज मॉडल के तहत बसें आपूर्ति करते हैं।
वर्तमान में बेस्ट का परिचालन बेड़ा घटकर 2,638 बसों तक आ गया है। जिनमें से केवल 298 बसें बेस्ट के स्वामित्व में हैं, जबकि बाकी 2,340 बसें लीज पर हैं। अधिकारियों ने बताया कि इस सप्ताह दस पुरानी बसें रिटायर होने के बाद यह संख्या और घट गई है। एक बेस्ट अधिकारी ने बताया, “उपलब्ध बसों की संख्या घटने से प्रशासन पर सेवा बनाए रखने का दबाव है। चूंकि निर्माताओं ने कई बार तय समयसीमा का उल्लंघन किया है, इसलिए बेस्ट अब जवाबदेही तय करने और आपूर्ति में तेजी लाने के लिए कानूनी कदमों पर विचार कर रहा है। विवाद का मुख्य कारण लीज किराया है। बेस्ट ने वेट-लीज संचालन के लिए ₹48 से 252 प्रति किलोमीटर के हिसाब से भुगतान करने पर सहमति दी थी, लेकिन अब निर्माता 278 प्रति किलोमीटर की दर की मांग कर रहे हैं, यह कहते हुए कि बैटरी की कीमतें और परिचालन खर्च बढ़ गए हैं।
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