
कॉन्सेप्ट फोटो (सोर्स: सोशल मीडिया)
Mumbai drug Smuggling Case Under New MCOCA: मुंबई पुलिस के स्वापक विरोधी प्रकोष्ठ (एएनसी) ने ड्रग तस्करी से जुड़े संगठित अपराधों पर नकेल कसने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। एएनसी ने एक मादक पदार्थ सिंडिकेट के खिलाफ संशोधित महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) की कठोर धाराओं के तहत दर्ज पहले मामले में अदालत में आरोपपत्र दाखिल कर दिया है।
एएनसी की बांद्रा इकाई से जुड़े एक अधिकारी ने सोमवार को इस कार्रवाई की पुष्टि की। अधिकारी ने बताया कि एएनसी ने सबसे पहले सात अगस्त को इस सिंडिकेट से जुड़े तीन मादक पदार्थ तस्करों को गिरफ्तार किया था। उनकी गिरफ्तारी के समय, उनके पास से 766 ग्राम मेफेड्रोन जब्त किया गया था।
वरिष्ठ निरीक्षक विशाल चंदनशिवे के नेतृत्व में की गई जांच से पता चला कि यह सिंडिकेट केवल एक अपराध तक सीमित नहीं था। जांच में पाया गया कि सिंडिकेट के सदस्य कुल सात मामलों में शामिल थे। इन सात मामलों में से पांच मामले स्वापक औषधि एवं मन:प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम से जुड़े हुए थे।
अधिकारी के मुताबिक, गहन जांच के आधार पर यह स्पष्ट हुआ कि आरोपी गंभीर मामलों में संलिप्त थे, जिसके बाद इस मामले में संशोधित मकोका की कठोर धाराएं लगाई गईं।
मादक पदार्थ तस्करी सिंडिकेट के खिलाफ शनिवार को अदालत में 953 पन्नों का विस्तृत आरोपपत्र दाखिल किया गया। यह आरोपपत्र इस बात की पुष्टि करता है कि यह नव संशोधित मकोका के तहत राज्य में दर्ज पहला मामला है।
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यह कानूनी कदम इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि महाराष्ट्र विधानमंडल ने हाल ही में विधेयक में कुछ संशोधन पारित किए हैं, जिनके तहत मादक पदार्थों से जुड़े अपराधों और तस्करों को अब औपचारिक रूप से मकोका के दायरे में लाया गया है। पुलिस के अनुसार, इन संशोधनों का मुख्य लाभ यह है कि अब मादक पदार्थ तस्करों के लिए गिरफ्तारी के बाद जमानत पाना मुश्किल हो जाएगा।






