मनसे संदीप देशपांडे (सौजन्य-एक्स)
मुंबई: राज्य सरकार ने स्कूली शिक्षा नीति में बदलाव करते हुए कक्षा एक से तीसरी भाषा अनिवार्य कर दी है और विद्यार्थियों तथा अभिभावकों को अपनी भाषा चुनने का अधिकार दिया है। हालांकि, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए कहा है कि सरकार बहुविकल्पीय के जरिए हिंदी की अनिवार्यता थोपने की कोशिश कर रही है। मनसे ने कई जिलों में आंदोलन शुरू करते हुए कहा है कि कक्षा एक से हिंदी अनिवार्य या तीसरी भाषा नहीं होनी चाहिए।
मनसे मुंबई के अध्यक्ष संदीप देशपांडे ने कहा, “हमें लगता है कि कक्षा एक से तीसरी भाषा को लागू करना बिल्कुल भी जरूरी नहीं है। उन्होंने कहा कि तीन भाषा का फॉर्मूला ना उत्तर प्रदेश में है, न कर्नाटक में है, न गुजरात में तो सिर्फ महाराष्ट्र में क्यों है? इसलिए, हम इसका विरोध कर रहे हैं और हम राज्य सरकार से उचित कार्रवाई करने का अनुरोध करते हैं।”
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा “सरकार को जबरन लिया गया फैसला वापस लेना चाहिए, नहीं तो अगर कल हम सड़कों पर उतरकर दंगा करने लगे तो सरकार के लिए मराठी लोगों और महाराष्ट्र के सैनिकों को कवर करना मुश्किल हो जाएगा।”
Maharashtra: MNS Mumbai President Sandeep Deshpande says, “… We feel it is not at all necessary to impose third language from standard first. So, we are opposing it and we request state government to take appropriate action…” pic.twitter.com/G0bdm3ENbb
— IANS (@ians_india) June 23, 2025
मराठी को दबाया जा रहा है और हिंदी को जबरन थोपने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना सड़कों पर विरोध कर रही है और हमारी भावना है कि सभी मराठी लोगों को सड़कों पर उतरकर इसका विरोध करना चाहिए। 9 बजे सिर्फ बात करने से कुछ नहीं होगा, ऐसा कहते हुए संदीप देशपांडे ने शिवसेना प्रवक्ता सांसद संजय राउत का नाम लिए बिना उन पर भी निशाना साधा।
Mumbai, Maharashtra: MNS is protesting against the three-language policy by running ‘Signature Campaign’ pic.twitter.com/79wr4Tzswx
— IANS (@ians_india) June 23, 2025
अबू आजमी के वारी के बारे में दिए गए बयान पर संदीप देशपांडे ने चेतावनी देते हुए कहा अगर अबू आजमी भूल गए हैं कि उन्हें हमारे विधायकों ने क्या दिया गया था, तो हमें एक बार फिर उनके मुंह पर तमाचा मारना होगा।
संदीप देशपांडे ने कहा हमारी सभी मराठी लोगों को विनती है कि अगर आप मराठी हैं तो सड़कों पर उतर आएं। अगर सरकार में सभी मूर्ख बैठे हैं तो मराठी लोगों को क्या करना चाहिए? यह मराठी लोगों और महाराष्ट्र का दुर्भाग्य है कि सरकार अभी भी यह नहीं समझ पा रही है कि उन्हें हिंदी क्यों पसंद है। आपको यह नहीं भूलना चाहिए कि मराठी लोगों ने आपको चुना है। आपको यह याद रखना चाहिए कि जिसने आपको चुना है, वह आपको घर भी बैठा सकता है।