मंत्री शंभुराज देसाई (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: मराठा आंदोलनकारी मनोज जरांगे पाटिल के फिर से अनशन शुरू किए जाने से महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर गरमाने लगा है। अंतरवाली में मनोज जरांगे के अनशन का रविवार को पांचवां दिन था। उनकी तबीयत लगातार बिगड़ रही है। इससे मराठा समाज में आक्रोश बढ़ रहा है। जरांगे के समर्थन में बंद का सिलसिला जोर पकड़ने लगा है। जालना और पुणे के बाद मराठा समाज ने अब अहमदनगर बंद का ऐलान किया है।
इसी बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र की महायुति सरकार में मंत्री शंभूराज देसाई ने रविवार को मराठा आरक्षण को लेकर बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि किसी और की थाली का खाना निकाल कर हम किसी दूसरे को नहीं परोसेंगे।
रविवार को मराठा समाज के 7 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से उनके सरकारी निवास वर्षा पर मुलाकात हुई। बताया जा रहा है कि शनिवार की शाम को मुंबई पहुंचे मराठा प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात के लिए समय मांगा था। इसी आधार पर रविवार को वर्षा में मुख्यमंत्री और मराठा प्रतिनिधिमंडल के बीच बैठक हुई।
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बैठक में मराठा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर वापस लेने, खत्म करने के साथ-साथ बॉम्बे गजट, सातारा गजट और हैदराबाद इंस्टीट्यूट के गजट पर भी चर्चा हुई। इस दौरान मुख्यमंत्री शिंदे ने मराठा प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि सोमवार की कैबिनेट बैठक के बाद वह मराठा आरक्षण को लेकर मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे।
इसके बाद मंत्री शंभूराज देसाई ने कहा कि अधिकारियों को सोमवार से मराठा समुदाय की मांगों पर और तेजी से काम शुरू करने के निर्देश दिए जाएंगे। साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि ओबीसी आरक्षण पर इससे बिलकुल भी आंच नहीं आएगी और उनके साथ अन्याय नहीं किया जाएगा। देसाई ने प्रतिनिधिमंडल से मनोज जरांगे की तबीयत का ध्यान रखने की अपील की।
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