मंत्री आशीष शेलार (pic credit; social media)
Survey of historical Step Wells: महाराष्ट्र की ऐतिहासिक धरोहरों को सहेजने के लिए राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सांस्कृतिक मंत्री आशीष शेलार ने शनिवार को विभागीय बैठक के बाद घोषणा की कि राज्य के सभी ऐतिहासिक बावड़ी और कुओं का जिलेवार सर्वेक्षण किया जाएगा।
बैठक में विशेषज्ञों ने बताया कि महाराष्ट्र में लगभग 3,000 से ज्यादा बावड़ी और कुएं मौजूद हैं, जिनका इतिहास प्राचीन काल से जुड़ा है। इन बावड़ियों में प्रयुक्त स्थापत्य शैली विश्व स्तर पर एक दुर्लभ उदाहरण मानी जाती है। मंत्री शेलार ने कहा कि इन धरोहरों को केवल संरक्षित ही नहीं किया जाएगा, बल्कि जल संरक्षण और जल संवर्धन के लिए भी उपयोग किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि बावड़ी और कुओं के संरक्षण के लिए एक नई समिति बनाई जाएगी। इसमें सरकारी तंत्र के अधिकारी, जल संरक्षण विशेषज्ञ और ऐतिहासिक धरोहरों पर काम करने वाले विशेषज्ञ शामिल होंगे। पहले चरण में जिला प्रशासन इन बावड़ियों का सर्वे करेगा, जबकि दूसरे चरण में उनका दस्तावेजीकरण और सरकारी अभिलेख तैयार किए जाएंगे।
शेलार ने कहा कि तीन महीनों के भीतर प्रारंभिक सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी कर दी जाएगी। इसके बाद जनभागीदारी के माध्यम से बावड़ियों की जानकारी और महत्व को आम जनता तक पहुंचाया जाएगा। इस अभियान में छात्रों, जिला कलेक्टरों और स्थानीय विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा। नुक्कड़ नाटकों और जागरूकता अभियानों के जरिए लोगों को समझाया जाएगा कि इन बावड़ियों का संरक्षण और उपयोग कैसे किया जा सकता है।
कई बावड़ियों को पहले ही भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने ऐतिहासिक स्थलों के रूप में संरक्षित किया है। लेकिन समय के साथ उनका रखरखाव कम हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इन बावड़ियों का उचित रखरखाव किया जाए, तो ये आज भी जल संकट से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। मंत्री शेलार ने कहा कि यह योजना सिर्फ एक सर्वे नहीं, बल्कि सांस्कृतिक विरासत को बचाने और भविष्य की जल जरूरतों को पूरा करने की दिशा में ठोस कदम है।