एमबीवीवी फोरेंसिक वैन (pic credit; social media)
MBVV Forensic Van: अपराध की जांच प्रक्रिया को और अधिक वैज्ञानिक और पारदर्शी बनाने की दिशा में मीरा-भाईंदर, वसई-विरार (MBVV) पुलिस आयुक्तालय को हाई-टेक मोबाइल फॉरेंसिक वैन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। यह वैन अपराध स्थलों से साक्ष्य संकलन और वैज्ञानिक जांच के लिए एक बड़ा हथियार साबित होगी। पुलिस उपायुक्त (अपराध) संदीप डोईफोडे ने बताया कि इस पहल से गंभीर अपराधों की जांच की गुणवत्ता में जबरदस्त सुधार होगा।
वर्तमान में यह सुविधा आयुक्तालय के एक जोन में शुरू की गई है, जबकि आने वाले दिनों में जोन 2 और जोन 3 को भी फॉरेंसिक वैन उपलब्ध कराई जाएगी। इससे MBVV पुलिस आयुक्तालय के अंतर्गत आने वाले मीरा-भाईंदर और वसई-विरार क्षेत्र में किसी भी गंभीर अपराध की स्थिति में तुरंत फॉरेंसिक जांच सुनिश्चित की जा सकेगी।
इस मोबाइल फॉरेंसिक वैन में 4 विशेषज्ञ कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है। इनमें से दो-दो कर्मचारी 12-12 घंटे की शिफ्ट में तैनात रहेंगे। यानी यह वैन चौबीसों घंटे उपलब्ध रहेगी और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत अपराध स्थल तक पहुंच सकेगी। वैन को अत्याधुनिक उपकरणों और आवश्यक सामग्रियों से लैस किया गया है ताकि मौके पर ही सबूतों का सुरक्षित संकलन और प्रारंभिक जांच की जा सके।
कानून के अनुसार जिन अपराधों में सात साल से अधिक की सजा का प्रावधान है, उनमें घटनास्थल का पंचनामा करना अनिवार्य है। ऐसे मामलों में मोबाइल फॉरेंसिक वैन की भूमिका बेहद अहम होगी। इससे न केवल जांच प्रक्रिया तेज होगी बल्कि अदालत में ठोस और विश्वसनीय साक्ष्य प्रस्तुत करने में भी मदद मिलेगी।
डीसीपी संदीप डोईफोडे ने कहा कि मोबाइल फॉरेंसिक वैन का उपयोग अपराध की जांच को और अधिक सटीक और वैज्ञानिक बनाएगा। इससे पुलिस की विश्वसनीयता भी बढ़ेगी और अपराधियों को सजा दिलाने में आसानी होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह सुविधा अपराध जांच में तकनीकी क्रांति लाने वाली है, क्योंकि मौके पर ही सबूतों को सुरक्षित करके छेड़छाड़ की आशंका खत्म हो जाएगी।
इस तरह MBVV पुलिस आयुक्तालय को मिली यह हाई-टेक वैन अपराध जांच में मील का पत्थर साबित हो सकती है। आने वाले समय में जब सभी जोनों को यह सुविधा मिल जाएगी तो गंभीर अपराधों की जांच और भी अधिक तेज, निष्पक्ष और ठोस आधार पर होगी।