
कॉन्सेप्ट फोटो (सोर्स: सोशल मीडिया)
Maharashtra Digital Satbara Uttara: महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के करोड़ों किसानों और आम नागरिकों को बड़ी राहत देते हुए एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। अब डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित (डिजिटल सिग्नेचर) 7/12 प्रमाण पत्र (सातबारा उतारा) को कानूनी मान्यता दे दी गई है। यह फैसला राजस्व विभाग में डिजिटल क्रांति लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने इस बड़े निर्णय की घोषणा की है, जिसके तहत डिजिटल 7/12 को अब कानूनी संरक्षण प्राप्त हो गया है। इस संबंध में एक आधिकारिक शासन परिपत्र (GR) भी जारी किया गया है। अभी तक किसानों को 7/12, 8-ए और बदलाव के प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए बार-बार तलाठी कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते थे, जो एक समय लेने वाली और थकाऊ प्रक्रिया थी।
सरकार के इस कदम से किसानों की यह परेशानी खत्म हो जाएगी और उन्हें घर बैठे ही यह महत्वपूर्ण दस्तावेज मिल सकेगा। राजस्व विभाग के जारी जीआर (सरकारी आदेश) में स्पष्ट किया गया है कि डिजिटल हस्ताक्षरित 7/12, 8-अ और फेरफार उतारे (बदलाव प्रमाणपत्र), जिनमें डिजिटल हस्ताक्षर, क्यूआर कोड और 16 अंकों का सत्यापन क्रमांक होगा, वे सभी सरकारी, अर्ध-सरकारी, बैंकिंग और न्यायिक कार्यों के लिए पूरी तरह से कानूनी और वैध माने जाएंगे।
यह निर्णय महाराष्ट्र भू-राजस्व संहिता, 1966 (महाराष्ट्र भू राजस्व कोड, 1966) और महाराष्ट्र भू-राजस्व अधिकार अभिलेख और रजिस्टर नियम, 1971 (महाराष्ट्र लैंड रेवेन्यू रिकॉर्ड ऑफ राइट्स एंड रजिस्टर रूल्स, 1971) के तहत जारी किए गए हैं। इससे राजस्व विभाग का कामकाज अधिक पारदर्शी और गतिशील होगा।
महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले के बाद, अब किसानों को केवल 15 रुपये में आधिकारिक 7/12 उतारा उपलब्ध होगा। सबसे बड़ी राहत यह है कि इस डिजिटल उतारे पर तलाठी (पटवारी) के हस्ताक्षर और स्टाम्प की आवश्यकता नहीं होगी। अर्थात अब लोगों को तलाठी के दफ्तर से के चक्कर लगाने से मुक्ति मिल गई है। नागरिकों को डिजिटल 7/12 डाउनलोड करने के लिए महाभूमि पोर्टल पर विशेष सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
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नागरिक digitalsatbara.mahabhumi.gov.in वेबसाइट पर जाएं। डिजिटल पेमेंट करके 7/12, 8-अ और फेरफार उतारे आसानी से प्राप्त किए जा सकते हैं। राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में लिए गए इस ऐतिहासिक निर्णय की जानकारी सोशल नेटवर्किंग साइट ‘एक्स’ (X) पर पोस्ट करते हुए कहा कि यह निर्णय किसान, जमीनधारक (जमीन मालिक) और सामान्य नागरिकों के लिए सुविधा, पारदर्शकता और तेज सेवा का नया अध्याय साबित होगा।” यह कदम ‘डिजिटल महाराष्ट्र’ की दिशा में राज्य सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे करोड़ों नागरिकों को सीधा लाभ मिलेगा।






