
हंगामेंदार होगा नागपुर का शीतसत्र! (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Maharashtra Winter Session:महाराष्ट्र में विपक्षी दलों ने शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले रविवार को सरकार द्वारा आयोजित परंपरागत चाय पार्टी का बहिष्कार करने का निर्णय लिया। विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों में विपक्ष के नेता (एलओपी) की नियुक्ति अब तक नहीं की है।
कांग्रेस विधायक दल के नेता विजय वडेट्टीवार ने आरोप लगाया कि चाय पार्टी का निमंत्रण विपक्षी नेताओं के बजाय व्यक्तिगत रूप से विधायकों को भेजा गया।उनके अनुसार “दोनों सदनों में विपक्ष के नेता पद रिक्त हैं। ये वैधानिक पद हैं और इन्हें रिक्त रखकर सरकार ने दिखा दिया है कि उसे संविधान पर विश्वास नहीं है। इसलिए हमने चाय कार्यक्रम का बहिष्कार किया है।”विधानसभा चुनाव में करारी हार के चलते कोई भी विपक्षी दल कुल 288 सीटों में से 10 प्रतिशत सीटें नहीं जीत पाया, जबकि नियम के अनुसार एलओपी पद के दावे के लिए यह अनिवार्य है।
वडेट्टीवार ने उदाहरण देते हुए कहा कि 1980 में भाजपा के पास मात्र 14 विधायक थे, फिर भी उसे विपक्ष के नेता का पद दिया गया था। इसी तरह 1985 में 16 विधायकों के बावजूद भाजपा को यह पद मिला था। उन्होंने कहा कि “कांग्रेस ने कभी भी विपक्ष के नेता का संवैधानिक पद खाली नहीं रखा।”शिवसेना (उबाठा) के नेता भास्कर जाधव ने आरोप लगाया कि सरकार विपक्ष से घबराई हुई है, क्योंकि उसने “पाप किया है” और डर है कि विपक्ष सरकार की पोल खोल देगा।
वडेट्टीवार ने कहा कि यदि सरकार दोनों पद खाली रखती है, तो चाय पार्टी का बहिष्कार करना सही निर्णय है। उन्होंने किसानों की समस्याओं का मुद्दा उठाते हुए कहा कि राज्य में प्रतिदिन छह से सात किसान आत्महत्या कर रहे हैं। सरकार ने कर्ज माफी का वादा तो किया, लेकिन उसे लागू करने में टालमटोल की जा रही है।उन्होंने दावा किया कि“राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार, 2025 के पहले आठ महीनों में महाराष्ट्र में 1,183 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। हम किसान विरोधी सरकार का निमंत्रण स्वीकार नहीं कर सकते।”वडेट्टीवार ने महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को भी बहिष्कार का कारण बताया।
ये भी पढ़े: मनपा ने खोदी हुईं सड़कें की दुरुस्त, हाई कोर्ट में किया दावा तो अदालत ने मांगा हलफनामा
महाराष्ट्र विधानमंडल का शीतकालीन सत्र 8 से 14 दिसंबर तक नागपुर में आयोजित किया जाएगा। शिवसेना (उबाठा) ने भास्कर जाधव को विधानसभा में विपक्ष के नेता पद के लिए नामित किया है, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने अब तक उस पर निर्णय नहीं लिया है। विधान परिषद में, शिवसेना (उबाठा) के पूर्व एमएलसी अंबादास दानवे का कार्यकाल अगस्त में समाप्त हो चुका है। कांग्रेस ने सतेज पाटिल को विपक्ष के नेता पद के लिए नामित किया है। विधान परिषद के अध्यक्ष राम शिंदे ने कहा कि उनके कार्यालय को प्रस्ताव मिला है और हितधारकों से बातचीत के बाद निर्णय लिया जाएगा।
(एजेंसी इनपुट के साथ)






