महाराष्ट्र की नई जेम्स एंड ज्वेलरी पॉलिसी (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Maharashtra Industrial Investment News: महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को अपनी रत्न एवं आभूषण नीति-2025 की घोषणा की। इस नीति का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में इस क्षेत्र में एक लाख करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करना और पांच लाख नए रोजगार अवसर सृजित करना है। उद्योग विभाग द्वारा जारी एक सरकारी प्रस्ताव (जीआर) के अनुसार, इस नीति में वर्ष 2025-30 के दौरान अनुमानित 1,651 करोड़ रुपये के वित्तीय प्रोत्साहन और अगले 20 वर्षों (2031-2050) के लिए अतिरिक्त 12,184 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रावधान है। इस प्रकार कुल परिव्यय 13,835 करोड़ रुपये होगा।
जीआर में कहा गया है कि यह नीति पांच वर्षों के लिए या नई नीति लागू होने तक प्रभावी रहेगी। आदेश के अनुसार, सरकार ने इसके कार्यान्वयन के लिए चालू वित्त वर्ष 2025-26 में एक समर्पित बजटीय मद के तहत 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।प्रस्ताव के मुताबिक, महाराष्ट्र का रत्न एवं आभूषण क्षेत्र भारत के कुल सकल मूल्य वर्धन में 18 प्रतिशत योगदान देता है। इससे राज्य देश में इस क्षेत्र का एक अग्रणी केंद्र बन गया है।
नीति का उद्देश्य इस क्षेत्र में राज्य के निर्यात को दोगुना करना, नियामकीय सहायता, वित्तीय प्रोत्साहन, और औपचारिक बाजारों तक पहुंच के माध्यम से अनौपचारिक व्यवसायों को औपचारिक उद्योगों में बदलना है।
जीआर के अनुसार, प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में नवी मुंबई के महापे औद्योगिक क्षेत्र में 21 एकड़ में फैला इंडिया ज्वेलरी पार्क मुंबई शामिल है। इस परियोजना से लगभग 50,000 करोड़ रुपये के निवेश और एक लाख से अधिक रोजगार सृजित होने की उम्मीद है।
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मुंबई स्थित भारत डायमंड बोर्स, जो 20 एकड़ में फैला दुनिया का सबसे बड़ा हीरा व्यापार केंद्र है, वर्तमान में लगभग 60,000 लोगों को रोजगार प्रदान करता है। नीति में डिज़ाइन स्टूडियो, प्लग-एंड-प्ले (काम के लिए तैयार) सुविधाएं और डिजिटल व्यापार केंद्र स्थापित करने का भी प्रस्ताव है। इसके तहत भारतीय रत्न एवं आभूषण संस्थान और अन्य संस्थानों के साथ साझेदारी में कौशल विकास पर विशेष जोर दिया जाएगा।
जीआर में कहा गया है कि विशेष प्रावधानों में स्टाम्प शुल्क में छूट, पार्कों में स्थित इकाइयों और 100 प्रतिशत निर्यात-उन्मुख इकाइयों के लिए 10 वर्षों तक बिजली शुल्क में छूट, तथा तीन वर्षों के लिए एक से दो रुपये प्रति यूनिट तक बिजली शुल्क सब्सिडी शामिल है। सरकार मूल्य श्रृंखला में पारदर्शिता और ट्रैसेबिलिटी सुनिश्चित करने के लिए भारत वेब 3 एसोसिएशन और रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद के साथ साझेदारी में एक ब्लॉकचेन-आधारित उद्योग खाता प्रणाली स्थापित करेगी।