महायुति सरकार (pic credit; social media)
Anand ka Ration: महायुति सरकार ने इस दिवाली आम जनता की खुशियों पर ‘ब्रेक’ लगा दिया है। सरकार ने ‘आनंद का राशन’ योजना को बंद करने का फैसला किया है। ये वही योजना है, जिसके तहत हर साल दिवाली पर 100 रुपये में लोगों को एक किट दी जाती थी, जिसमें एक किलो खाद्य तेल, सूजी, चना दाल और चीनी होती थी। लेकिन इस बार न तो किट मिलेगी और न ही ‘आनंद’।
सरकार के इस फैसले से गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों में निराशा फैल गई है। महंगाई के इस दौर में जब त्योहारों की तैयारी जेब पर भारी पड़ रही है, तब सरकार का यह कदम लोगों को खल रहा है।
भुजबल बोले- फंड नहीं है, क्या करें?
राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने कहा कि “इस बार दिवाली पर आनंद का राशन देना संभव नहीं है क्योंकि इसके लिए 350 करोड़ रुपये की जरूरत है। वित्त विभाग ने साफ कहा है कि इस साल फंड नहीं है।” भुजबल ने आगे कहा कि लाडली बहना योजना पर सरकार का 35 से 40 हजार करोड़ रुपये खर्च हो रहा है, जिसकी वजह से बाकी योजनाओं पर असर पड़ रहा है।
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विपक्ष ने बोला हमला
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) की सांसद सुप्रिया सुले ने सरकार पर करारा हमला बोला। उन्होंने कहा, “मुझे कोई हैरानी नहीं है। मैं पिछले ढाई साल से कह रही हूं कि राज्य की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। लाडली बहना की किस्तें तो दी गईं, लेकिन बाकी योजनाओं का पैसा काट लिया गया। अब तो त्योहार का आनंद भी छीन लिया।”
‘शिव भोजन थाली’ भी बंद
यही नहीं, सरकार ने ‘शिव भोजन थाली’ योजना को भी बंद करने का फैसला लिया है। यह योजना पिछली सरकार में शुरू हुई थी, जिसमें गरीबों को मात्र 10 रुपये में खाना मिलता था। लोगों का कहना है कि इस बार सरकार ने “रोशनी के त्योहार” में अंधेरा फैला दिया है। जहां दिवाली पर घर-घर दीये जलने चाहिए थे, वहां अब चिंता की लौ जल रही है।