
एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के बीच तनातनी!
Mumbai News: महाराष्ट्र की राजनीति में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच कथित अबोला (मनमुटाव) और दूरी अब सार्वजनिक कार्यक्रमों एवं मंचों पर भी दिखने लगी है. मुंबई में हुतात्मा स्मारक पर एक कार्यक्रम के दौरान दोनों नेताओं ने एक-दूसरे का केवल औपचारिकता के तौर पर अभिवादन किया और तुरंत अलग हो गए थे. इसके उपरांत शनिवार की शाम मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया पर हुए दिव्यज फाउंडेशन के कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री शिंदे, मुख्यमंत्री फडणवीस से दो कुर्सियों की दूरी पर बैठे नजर आए. सार्वजनिक मंचों पर दोनों नेताओं के ऐसे व्यवहार के कारण इनके बीच मनमुटाव की खबरों को बल मिल रहा है. राज्य के सियासी गलियारे में इससे महायुति सरकार में सबकुछ ठीक नहीं होने की अटकलें जोर पकड़ रही हैं.
आगामी स्थानीय स्वराज्य चुनावों की पृष्ठभूमि में राज्य का राजनीतिक पारा चढ़ा हुआ है. स्थानीय निकायों के चुनावों की पृष्ठभूमि में एक-दूसरे के कार्यकर्ताओं को तोड़ने से महायुति में शिवसेना शिंदे गुट और बीजेपी के बीच तनाव बढ़ गया है. स्थिति इतनी बिगड़ गई कि नाराज शिवसेना ने पहले मंत्रिमंडल की बैठक का भी बहिष्कार किया बाद में मुख्यमंत्री फडणवीस की शिकायत करने उपमुख्यमंत्री शिंदे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के पास पहुंच गए. इससे मुख्यमंत्री फडणवीस और उपमुख्यमंत्री शिंदे के बीच की दूरी को और बढ़ गई है. किसान और सामान्य वर्ग की महायुति सरकार है और सरकार में शामिल घटक दलों की महायुति अटूट है. ऐसा दम भरने वाली भाजपा और शिवसेना (शिंदे गुट) के बीच का झगड़ा अब सार्वजनिक मंचों पर भी दिखने लगा है. ऐसी ही कुछ हुतात्मा चौक और गेट वे ऑफ इंडिया के पास आयोजित कार्यक्रमों में देखने को मिला.
इस मनमुटाव का असर बीजेपी और शिवसेना के नेताओं के बयानों में भी देखने को मिल रहा है. शिवसेना की ओर से मंत्री उदय सामंत, विधायक संजय गायकवाड और पूर्व विधायक शहाजी बापू पाटिल हाल के दिनों में बीजेपी पर हमला बोल चुके हैं तो वहीं बीजेपी के प्रदेश सचिव विजय चौधरी ने घोषणा कर दी कि नंदुरबार जिले में अब शिवसेना (शिंदे गुट) के साथ कभी युति नहीं होगी.
मतभेद की चर्चाओं पर विराम लगाते हुए उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गेटवे ऑफ इंडिया के कार्यक्रम के बारे में कहा कि वहां नीता अंबानी और मुकेश अंबानी का सम्मान हो रहा था. दोनों कुर्सियां उनके लिए थीं. वे सम्मानित व्यक्ति थे. एक तरफ मुख्यमंत्री थे और दूसरी तरफ मैं था. लेकिन मीडिया ब्रेकिंग न्यूज और टीआरपी के लिए ऐसी मनगढ़ंत बातें चलाई. शिंदे ने आगे कहा कि इसे राजनीतिक रंग देना गलत बताया. उन्होंने महायुति के बीच किसी भी मतभेद से इनकार करते हुए कहा कि लोकसभा में एनडीए के साथ मिलकर काम किया गया. स्थानीय चुनावों के समीकरण अलग होते हैं.
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उपमुख्यमंत्री शिंदे के स्पष्टीकरण के बाद, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इन अटकलों का खंडन किया. उन्होंने इन चर्चाओं को ‘मूर्खों का बाजार’ बताया और कहा कि हुतात्मा स्मारक की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि वहां आने पर और जाते समय हम मिले और दोनों ने एक-दूसरे को अपनी आगे की योजनाओं के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि मीडिया ने इसे इस तरह से दिखाया कि हम बोले नहीं. उन्होंने कहा कि आपस में न बोलने जैसी कोई भी बात नहीं हुई है.






