
महायुति (सौ. सोशल मीडिया )
Maharashtra Local Body Election: महाराष्ट्र की 29 महानगरपालिका में चुनाव की घोषणा के साथ ही महायुति की पहली अग्नि परीक्षा का काउंट डाठन शुरू हो गया है। हाल ही में महायुति सरकार ने अपने कार्यकाल के एक साल पूरे कर लिए हैं।
साल 2024 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ एकनाथ शिंदे व अजीत पवार की तिकड़ी ने बड़ी जीत हासिल कर विपक्ष की कमर तोड़ दी थी। लेकिन अब विपक्ष इस बार काउंटर अटैक की बड़ी रणनीति बना रही है।
ऐसे में 29 महानगर पालिका का चुनाव सीएम देवेंद्र फडणवीस के साथ डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे व अजीत पवार के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है। ऐसे में तीनों नेता अपने दबदबे को कायम रखने में कोई कसार नहीं छोड़ेंगे।
महाराष्ट्र में सीएम फडणवीस बीजेपी के सबसे बड़े स्टार नेता है। ऐसे में 29 महानगरपालिका के चुनाव परिणाम में पार्टी के अलावा महायति को जीत दिलाने की उनके सामने बड़ी चुनौती होगी। सीएम के सामने ख़ास कर देश की सबसे अमीर मुंबई की चीएमसी के अलावा अपने गढ़ नागपुर में भगवा लहराने की डबल चुनौती होगी। इन दोनों नगर निगम में जीत हासिल करने से फडणवीस का कद और बढ़ जाएगा, लेकिन अगर कोई सैटबैक होता है तो उनके लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती है।
मुंबई में सीएम फडणवीस का सीधा मुकाबला उद्धव व राज ठाकरे की जोड़ी से होगा। इस बार के चुनाव में उद्धव की यूबीटी व राज की मनसे ने मिल कर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। वहीं मुंबई में सीटों के बंटवारे को लेकर बीजेपी को शिंदे की शिवसेना के साथ भी माथापच्ची करनी होगी।
इस वजह से फडणवीस को दोहरी चुनौती का सामना करना होगा। हालांकि बीजेपी ने काफी पहले से अपनी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। ख़ास तौर से मुंबई नगर निगम चुनाव के लिए बीजेपी ने विधायक अमित साटम को शहर का अध्यक्ष नियुक्त किया है।
अजीत पवार के सामने पुणे और पिंपरी चिंचवड में अपने वर्चस्व को कायम रखने के लिए बड़ी परीक्षा से गुजरना होगा, राजनीतिक रूप से अपने चाचा शरद पवार से अलग हो जाने के बाद यहाँ अजीत को बड़े पवार से ही मुकाबला करना होगा, विस चुनाव में पटखनी देने की वजह अजीत के हौसले बुलंद हैं। इन दोनों मनया के लिए मविआ में शामिल कांग्रेस भी शरद पवार के साथ मिल कर अजीत को घेरने के लिए फूल पूफ प्लान बना रही है।
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डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के लिए अपने गढ़ ठाणे में अपनी पार्टी को जीताने के लिए एसिड टेस्ट से गुजरना होगा। इसके अलावा उन्हें नवी मुंबई में बीजेपी के कैबिनेट मंत्री गणेश नाईक से मिल रही चुनौतियों के लिए भी तैयार रहना होगा। नवी मुंबई में नाइक लगातार शिंदे के लिए परेशानी खड़ी कर रहे हैं। इस वजह से यहां के मनपा चुनाव में शिंदे को विपक्ष से ज्यादा नाइक से लड़ना होगा।






