
प्रियंका चतुर्वेदी (सौजन्य-IANS)
Rajya Sabha Notice: शिवसेना की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने ‘जय हिंद’ और ‘वंदे मातरम’ से जुड़े राज्यसभा सचिवालय के नोटिफिकेशन पर चिंता जताते हुए राज्यसभा के सभापति (उपराष्ट्रपति) को पत्र लिखा है। इस पत्र में सांसद अरविंद सावंत ने भी हस्ताक्षर किए हैं। शिवसेना सांसदों ने केंद्र सरकार से राज्यसभा में ‘जय हिंद’ और ‘वंदे मातरम’ रोक के लिए जारी नोटिस वापस लेने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि यह नोटिस राष्ट्र-विरोधी है और देश की भावनाओं को ठेस पहुंचा रहा है। प्रियंका चतुर्वेदी ने पत्र में कहा, “हमारे देश की आत्मा और भावनाओं का हिस्सा होने के कारण ऐसे अभिव्यक्ति के माध्यम पर प्रतिबंध अत्यंत चिंताजनक है। मैं अनुरोध करती हूं कि इस संबंध में जारी नोटिफिकेशन को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए और सांसदों और जनता से माफी मांगी जाए।
प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि ‘जय हिंद’ और ‘वंदे मातरम’ न केवल राष्ट्रीय भावनाओं के प्रतीक हैं बल्कि लोकतांत्रिक ढांचे में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का हिस्सा भी हैं। उन्होंने कहा कि संसद में नारेबाजी पर रोक सांसदों कि यह रोक देशभक्ति और राष्ट्रीय गर्व को की लोकप्रिय और भावनात्मक अभिव्यक्ति को प्रभावित कर सकती है। उन्होंने कहा व्यक्त करने के अधिकार का हनन है। उन्होंने कहा है कि इस निर्देश को लेकर स्पष्टीकरण जरूरी है ताकि किसी तरह की गलतफहमी या विवाद न पैदा हो।
प्रियंका चतुर्वेदी ने दूरसंचार मंत्रालय के संचार साथी ऐप से जुड़े नोटिफिकेशन को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने दूरसंचार मंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि वे पूरे नोटिफिकेशन को ध्यान से पढ़ें, क्योंकि यह कहना कि बेवजह का विवाद पैदा किया जा रहा है, बिल्कुल उचित नहीं है।
प्रियंका चतुर्वेदी ने एक्स पोस्ट में लिखा, मैं दूरसंचार मंत्री से अनुरोध करती हूं कि नोटिफिकेशन को पढ़े पेज 2, प्वाइंट 7 (बी) साफ कहता है कि ऐप की कोई भी फंक्शनलिटी न तो डिसेबल की जाएगी और न ही उसे सीमित किया जाएगा, उनका इशारा सरकार द्वारा मोबाइल फोन में संचार साथी ऐप की अनिवार्य प्री-इंस्टॉलेशन नीति पर था, जिसके चलते यह मुद्दा चर्चा में है।
प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि यह रोक सांसदों के बीच गंभीर असंतोष और चिंता का कारण बनी है। प्रियंका चतुर्वेदी ने पत्र में कहा, हमारे देश की आत्मा और भावनाओं का हिस्सा होने के कारण ऐसे अभिव्यक्ति के माध्यम पर प्रतिबंध अत्यंत चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि ‘जय हिंद’ और ‘वंदे मातरम’ न केवल राष्ट्रीय भावनाओं के प्रतीक हैं बल्कि लोकतांत्रिक ढांचे में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का हिस्सा भी है।
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चतुर्वेदी ने राज्यसभा सभापति से इस पर गंभीरता से विचार करने और संसद के पारंपरिक और भावनात्मक मूल्यों का सम्मान करने का अनुरोध किया है। प्रियंका चतुर्वेदी के इस पत्र में यह भी उल्लेख किया गया कि उन्होंने इसे राज्यसभा सचिवालय के माध्यम से प्रस्तुत किया है ताकि नियमों और प्रक्रियाओं का पालन करते हुए सभापति तक यह संदेश पहुंच सके।






