
हर्षवर्धन सपकाल (सोर्स: सोशल मीडिया)
Harshwardhan Sapkal Statement: कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने डॉ. बीआर आंबेडकर की पुण्यतिथि पर कहा कि आज देश को ‘संवैधानिक मूल्यों को कुचलने वाली ताकतों के खिलाफ लड़ने’ की जरूरत है। उन्होंने दादर स्थित ‘चैत्यभूमि’ जाकर संविधान निर्माता को श्रद्धांजलि अर्पित की।
हर्षवर्धन सपकाल ने जोर दिया कि डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान से आज भी राष्ट्र को मार्गदर्शन मिल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ ताकतें इन संवैधानिक मूल्यों के विरुद्ध उठ खड़ी हो रही हैं। सपकाल के अनुसार, संविधान की आकांक्षा के अनुरूप भारत के निर्माण के लिए इन ताकतों से लड़ना आवश्यक हो गया है।
सपकाल ने याद दिलाया कि गुलामी और शोषण दुनियाभर के समाज पर एक कलंक थे, और डॉ. आंबेडकर ने समानता और न्याय का आह्वान किया था। उन्होंने गरीबों, वंचितों और शोषितों के लिए संघर्ष किया और संविधान के माध्यम से समानता के बीज बोए।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार उन परियोजनाओं को प्राथमिकता देती है जिनसे उन्हें बड़ा लाभ मिलता है। उन्होंने दावा किया कि इंदु मिल में बाबासाहेब का स्मारक और समुद्र में शिवाजी महाराज का स्मारक बनाने में जानबूझकर देरी की जा रही है।
हालांकि, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को कहा कि मुंबई के दादर इलाके में इंदु मिल में डॉ. आंबेडकर के भव्य स्मारक का निर्माण अगले साल छह दिसंबर तक पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।
यह भी पढ़ें:- नागपुर में ही क्यों होता है महाराष्ट्र विधानसभा का शीतकालीन सत्र? जानिए क्या है इसके पीछे का इतिहास
हर्षवर्धन सपकाल ने एक मेट्रो स्टेशन का नाम डॉ. आंबेडकर के नाम पर रखने की मांग पर भी तीखी टिप्पणी की। उन्होंने आरोप लगाया कि मेट्रो स्टेशनों के नाम उन उद्योगपतियों के नाम पर रखे गए हैं जो चुनावी बॉन्ड के ज़रिए सरकार को पैसे देते हैं। कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि सार्वजनिक परियोजनाओं के नामकरण में उस क्षेत्र की विरासत को प्रतिबिंबित किया जाना चाहिए।
इंडिगो की उड़ान में आई बाधा के बारे में पूछे जाने पर, सपकाल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने निजी कंपनियों को खुली छूट दे दी है, जिस पर कोई नियंत्रण नहीं है और यात्रियों का शोषण किया जा रहा है। सपकाल ने कहा कि इंडिगो की यह घटना भाजपा सरकार की विफलता और लापरवाही को उजागर करती है।






