गणेश नाईक (pic credit; social media)
Ganesh Naik challenge to Naresh Mhaske: ठाणे की राजनीति इन दिनों सियासी तूफान में घिरी है। मनपा चुनाव से पहले भाजपा और शिवसेना (शिंदे गुट) के बीच खुला टकराव सामने आ गया है। ताजा विवाद तब भड़का जब सांसद नरेश म्हस्के ने वन मंत्री गणेश नाईक पर अकार्यक्षमता का आरोप लगाते हुए चेतावनी दी कि वे नाईक का “फेल्योर वीडियो” पूरे महाराष्ट्र के सिनेमाघरों में दिखाएंगे।
इसके जवाब में गणेश नाईक ने भी दो टूक कह दिया– “वीडियो दिखाते हैं तो दिखाएं, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। पिछले 35 सालों में ऐसे कितने आए और गए, मुझे किसी का नाम भी याद नहीं है।”
ठाणे के गडकरी रंगायतन में सोमवार को जनता दरबार के दौरान नाईक ने मंच से बिना किसी झिझक के म्हस्के पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि वे किसी को खुश करने नहीं आए, बल्कि गरीबों के आंसू पोंछने आए हैं। “मेरे हाथ साफ हैं, मेरा दिमाग भी साफ है। अगर मैं भ्रष्ट हूं तो मेरे खिलाफ सबूत लाएं। मैं किसी जांच से नहीं डरता।” नाईक ने तंज कसते हुए कहा कि “जजों के घर में भी पैसा मिलता है, तो हम किससे न्याय मांगे?”
उन्होंने शिवसेना नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग अपने कर्तव्यों का पालन नहीं करते, वे नालायक हैं। “अगर मैं काम नहीं करूंगा, तो मैं भी नालायक कहलाऊंगा।” नाईक ने यह भी कहा कि प्रशासन में 10 प्रतिशत और राजनीति में कुछ प्रतिशत नालायक लोग हैं, जो सत्ता का दुरुपयोग करके गरीबों की जिंदगी बर्बाद कर रहे हैं।
जनता दरबार में सैकड़ों लोग अपनी फरियाद लेकर पहुंचे थे। नाईक ने अधिकारियों को मौके पर कई शिकायतों पर कार्रवाई का आदेश दिया। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर अधिकारी लोगों की सुनवाई नहीं करेंगे, तो उन्हें जनता दरबार बंद करने में देर नहीं लगेगी।
वहीं दूसरी ओर शिवसेना सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे ने भी नाईक पर बिना नाम लिए पलटवार किया। उन्होंने कहा कि “कुछ लोग बूढ़े हो गए हैं, हर चीज उम्र के हिसाब से होती है। हमारे साहब कहते हैं कि आलोचना का जवाब काम से दो, जनता सब जानती है।”
शिंदे ने कहा कि आगामी नवी मुंबई मनपा चुनाव में जनता बताएगी कि ताकत किसके पास है। यह बयानबाजी अब महायुति के भीतर खींचतान को खुलकर उजागर कर रही है। चुनावी जंग से पहले ये ‘वीडियो वार’ सियासत में नया रंग भर रहा है।