फडणवीस का ‘2029 तक मुख्यमंत्री बने रहने' का दावा (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Mumbai News: कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रवक्ता सचिन सावंत ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का यह बयान कि वह 2029 तक शीर्ष पद पर बने रहेंगे, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के लिए एक अप्रत्यक्ष संदेश है। राष्ट्रीय राजनीति में अपनी भूमिका के सवाल पर फडणवीस ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा था, “दिल्ली अभी दूर है।” और स्पष्ट किया कि वह 2029 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने रहेंगे।
सावंत ने ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा, “यह उन लोगों के लिए एक अप्रत्यक्ष संदेश है, जो मुख्यमंत्री पद पर नजर गड़ाए हुए हैं। वह सीधे शिंदे साहब से तो बोल नहीं सकते, इसलिए अप्रत्यक्ष रूप से यह बात कह रहे हैं। साथ ही, वह अपनी पार्टी के उन लोगों को भी संकेत दे रहे हैं, जो स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए हैं।”
राज्य में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) शामिल हैं। शिवसेना से 2022 में अलग होने के बाद शिंदे पिछले विधानसभा चुनावों तक मुख्यमंत्री रहे, जबकि फडणवीस उपमुख्यमंत्री थे। फडणवीस ने बुधवार को स्पष्ट किया कि मौजूदा सत्तारूढ़ व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं होगा।
उन्होंने कहा, “न तो कोई नया सहयोगी होगा और न ही मौजदूा सहयोगियों का चेहरा बदलेगा।” सावंत ने दावा किया कि फडणवीस का यह बयान भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के लिए भी एक संदेश है कि वह “इस डर से अपना पद नहीं छोड़ेंगे कि राजस्थान, मध्यप्रदेश या उत्तराखंड की तरह कोई और उनकी जगह ले सकता है।”कांग्रेस नेता ने कहा, “फडणवीस को मुख्यमंत्री पद से हटाने की कोशिशें हो रही हैं। वह बार-बार दिल्ली के चक्कर लगाते हैं, जहां उनका स्वागत-सत्कार होता रहता है। इससे उनका डर और बढ़ जाता है। इसलिए, मुख्यमंत्री यह दावा कर रहे हैं कि वह पद नहीं छोड़ेंगे।”
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समाजवादी पार्टी के नेता अबु आजमी द्वारा आगामी बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनाव अकेले लड़ने की घोषणा पर सावंत ने कहा कि कांग्रेस में चुनाव संबंधी सभी निर्णय पार्टी आलाकमान द्वारा स्थानीय नेताओं के परामर्श से लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का लक्ष्य मुंबई में महापौर का पद हासिल करना है। कांग्रेस विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी का हिस्सा है, जिसमें उद्धव ठाकरे की शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और शरद पवार की राकांपा (एसपी) भी शामिल हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)