
देवेंद्र फडणवीस (सौजन्य-IANS)
 
    
 
    
Mumbai News: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र व्यवसाय करने में आसानी, विनियमन-मुक्ति और क्षेत्रीय मंजूरी सुविधा की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है. उद्योगों के लिए अधिक अनुकूल और पारदर्शी वातावरण प्रदान करने के लिए बड़े सुधार किए जा रहे हैं. केंद्र सरकार के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) की ‘व्यापार सुधार कार्य योजना’ (बीआरएपी) के अनुसार, महाराष्ट्र 2015 से लगातार देश में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों में से एक रहा है. राज्य में ‘जिला व्यापार सुधार कार्य योजना 2025’ लागू की जा रही है. 154 सुधारों वाली यह पहल 14 अगस्त, 2026 तक लागू रहेगी. इसके तहत राज्य के जिला कलेक्टरों के लिए ‘चिंतन शिविर’ और संभागीय बैठकें आयोजित की जाएंगी और राज्य के प्रत्येक जिला कलेक्टर को और अधिकार दिए जाएंगे.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में सह्याद्री अतिथि गृह में शुक्रवार को ‘व्यापार सुगमता’ के संबंध में आयोजित समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि राज्य के औद्योगिक विकास को गति देने के लिए 6 विभागीय समितियां गठित की गई हैं और ये समितियां 31 दिसंबर, 2025 से पहले अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगी. इनमें से, नासिक संभाग आयुक्त डॉ. प्रवीण गेडाम के नेतृत्व में ‘व्यापार सुगमता’ सुधार समिति कार्यरत है, जबकि विजय सूर्यवंशी (कोंकण संभाग) और जितेंद्र पापलकर (छत्रपति संभाजीनगर संभाग) क्रमशः औद्योगिक संसाधनों के उपयोग और भूमि बैंक संवर्धन पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. बैठक में मुख्य सचिव राजेश कुमार और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ राज्य के संभागीय आयुक्त और ज़िला कलेक्टर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित थे.
बैठक के दौरान, राज्य में ‘व्यापार सुगमता’ की प्रगति, कार्यान्वित सुधारों और आगामी पहलों की समीक्षा की गई. सीएम देवेंद्र ने कहा कि महाराष्ट्र ने ‘व्यापार सुगमता 2024’ मूल्यांकन में उल्लेखनीय प्रगति की है और 402 में से 399 सुधार पूरे हो चुके हैं. इसके परिणामस्वरूप, राज्य का कार्यान्वयन स्कोर 99.25 प्रतिशत तक पहुंच गया है. महाराष्ट्र को इससे पहले ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ 2020-21 में अचीवर और ‘ईओडीबी 2022’ में टॉप अचीवर घोषित किया गया था.
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‘ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस 2024’ के अंतिम परिणाम 11 नवंबर 2025 को घोषित किए जाएंगे. ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ के अंतर्गत प्रमुख फोकस क्षेत्र भूमि और निर्माण परमिट, श्रम सुधार, उपयोगिता और निरीक्षण प्रणालियाँ, और नियामक सरलीकरण हैं. इसके साथ ही, मैत्री 2.0 के माध्यम से एक पूर्ण सिंगल-विंडो इकोसिस्टम लागू करने की योजना है. इसके साथ ही, मैत्री 2.0 में सिंगल साइन-ऑन, परमिट स्थिति, सामान्य आवेदन पत्र, समेकित भुगतान, डैशबोर्ड, निरीक्षण, शिकायत निवारण और उपयोगकर्ता प्रतिक्रिया जैसे आवश्यक मॉड्यूल शामिल किए जाएंगे.






