
शरद पवार (सोर्स: सोशल मीडिया)
Maharashtra Nikay Chunav: बीएमसी और महाराष्ट्र निकाय चुनावों से पहले महा विकास अघाड़ी में घमासान मच गया है। महागठबंधन के टूटने की संभावना जताई जा रही है, क्योंकि कांग्रेस ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। इसके अलावा, कांग्रेस राज ठाकरे की मनसे को महाविकास अघाड़ी में शामिल करने के खिलाफ है, जिसके बाद उद्धव ठाकरे की शिवसेना और कांग्रेस के बीच खुलकर विवाद सामने आ गया है। इस बीच, शरद पवार की एनसीपी अब कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ेगी या ठाकरे बंधुओं के साथ, यह सवाल अब लगभग साफ हो गया है।
बीएमसी चुनाव की तैयारियों को लेकर हुई एक बैठक में शरद पवार के गुट ने संकेत दिया कि वह उद्धव और राज ठाकरे के साथ गठबंधन कर सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, शरद गुट ने बैठक में इस बात पर एकमत होकर फैसला किया कि वे बीएमसी चुनाव के लिए शिवसेना (उद्धव गुट) के साथ गठबंधन करेंगे। बैठक में सांसद सुप्रिया सुले, राखी जाधव, विधायक जितेंद्र आह्वाड समेत अन्य नेताओं ने इस पर चर्चा की।
एनसीपी के एक नेता ने कहा, “बीजेपी को छोड़कर, हम किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन करने के लिए तैयार हैं। चाहे वह समाजवादी पार्टी हो या राज ठाकरे की मनसे।” शरद पवार का यह रुख कांग्रेस के लिए बड़ा झटका साबित हो रहा है, क्योंकि कांग्रेस ने पहले ही कह दिया था कि महाविकास आघाड़ी में चुनाव लड़ने के लिए मनसे को गठबंधन में शामिल नहीं किया जाए।
पिछले हफ्ते मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायकवाड और अन्य कांग्रेस नेताओं ने शरद पवार से मुलाकात की थी, जिसमें कांग्रेस ने अनुरोध किया था कि बीएमसी चुनाव में कांग्रेस और एनसीपी को एक साथ आना चाहिए। कांग्रेस का यह भी कहना था कि यदि महाविकास आघाड़ी में चुनाव लड़ा जाए, तो मनसे को इसमें शामिल नहीं किया जाए। शरद पवार ने कांग्रेस को यह भरोसा दिलाया था कि 22 नवंबर को पार्टी की आंतरिक मीटिंग में इस पर फैसला लिया जाएगा।
हालांकि, शनिवार को हुई बैठक में पार्टी नेताओं ने शरद पवार से ठाकरे बंधुओं के साथ गठबंधन करने की बात कही, जिसके बाद अब यह साफ हो गया है कि शरद पवार मुंबई में ठाकरे बंधुओं के साथ गठबंधन करेंगे।
बीएमसी चुनाव में कांग्रेस में भी राज ठाकरे की मनसे को लेकर मतभेद हो गए हैं। कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि पवार का मानना है कि हमें गठबंधन में चुनाव लड़ना चाहिए और बीजेपी को हराने के लिए सभी को एक साथ आना चाहिए। वहीं, वर्षा गायकवाड ने मनसे के साथ जाने की संभावना को खारिज करते हुए कहा कि यह मुंबई कांग्रेस का व्यक्तिगत फैसला हो सकता है। उन्होंने कहा, “हमने फैसला किया है कि हम लड़ाई करने वाली पार्टियों के साथ गठबंधन नहीं करेंगे।”
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उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा, “कांग्रेस कह रही है कि दिल्ली से ऑर्डर के बिना मनसे को गठबंधन में नहीं लिया जाएगा। यह मुंबई कांग्रेस का व्यक्तिगत फैसला हो सकता है।” उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि शिवसेना और मनसे पहले ही एक साथ आ चुके हैं, यह लोगों की इच्छा है और इसके लिए किसी के आदेश या अनुमति की आवश्यकता नहीं है। शरद पवार और लेफ्ट पार्टियां भी साथ हैं, “मुंबई बचाओ!”






