बॉम्बे हाईकोर्ट और प्रवर्तन निदेशालय (सौ. सोशल मीडिया )
Mumbai News In Hindi: बॉम्बे हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को धन शोधन मामले में वसई-विरार नगर निगम के पूर्व आयुक्त अनिल कुमार पवार की गिरफ्तारी के संबंध में 7 दिनों के भीतर अपना रुख स्पष्ट करने का निर्देश दिया है।
वसई-विरार मनपा के पूर्व आयुक्त अनिल कुमार पवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 41 अनधिकृत इमारतों से जुड़े धन शोधन के एक मामले में गिरफ्तार किया है। उनके साथ, मनपा के तत्कालीन शहरी नियोजन उपनिदेशक वाई एस रेड्डी, पूर्व पार्षद सीताराम गुप्ता और उनके भतीजे अरुण गुप्ता को भी गिरफ्तार किया गया है। ये सभी आरोपी 13 अगस्त से जेल में हैं।
अनिल कुमार पवार ने अपनी गिरफ्तारी को बॉम्बे उच्च न्यायालय में चुनौती दी है। उन्होंने दावा किया है कि यह गिरफ्तारी अवैध और सत्ता का दुरुपयोग है। इस गिरफ्तारी के खिलाफ वकील उज्ज्वल चव्हाण के माध्यम से बॉम्बे उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें दावा किया गया है कि यह गिरफ्तारी अवैध, पक्षपातपूर्ण और कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है।
आरोप लगाया गया है कि पवार को फंसाने के लिए चुनिंदा अपराधों की अलग-अलग साजिशें रची गई। पवार के घर की तलाशी में कोई नकदी, आभूषण या संपत्ति के दस्तावेज नहीं मिले हैं। कुछ रिश्तेदारों से नकदी मिली थी। यह उन्हीं रिश्तेदारों की थी। याचिका में कहा गया है कि पवार को बिना किसी ठोस सबूत के गिरफ्तार किया गया। याचिका में इस तथ्य की ओर भी ध्यान दिलाया गया है कि आय से अधिक संपत्ति की जाँच का अधिकार भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को है, न कि प्रवर्तन निदेशालय को।
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इस मामले की सुनवाई गुरुवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में हुई इस बार हाईकोर्ट ने अनिल कुमार पवार द्वारा दायर याचिका पर संज्ञान लिया, कोर्ट ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय इस गिरफ्तारी और आरोपी को चुनौती देने के संबंध में एक हफ्ते के भीतर अपनी स्थिति स्पष्ट करे। इस याचिका पर अगली सुनवाई 30 सितंबर को होगी।