
गणेश नाईक व एकनाथ शिंदे (डिजाइन फोटो)
Eknath Shinde vs Ganesh Naik: महानगरपालिका चुनाव का बिगुल बज चुका है लेकिन नवी मुंबई में अभी तक स्थिति साफ नहीं हुई है कि भाजपा-शिवसेना मिलकर चुनाव लड़ेंगे या फिर पुणे मनपा की तरह फ्रेंडली फाइट होगी। कार्यकर्ताओं तथा इच्छुक उम्मीदवारों के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
हालांकि भाजपा को ठाणे जिले की सभी महानगरपालिकाओं में शिवसेना के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के आदेश दिल्ली दरबार से दिए गए हैं। यदि यह आदेश नवी मुंबई मनपा पर भी लागू किया जाता है तो अकेले चुनाव लड़ने का दम भरने वाले भाजपा नेता और वन मंत्री गणेश नाईक को न चाहते हुए भी शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे से हाथ मिलाना पड़ेगा।
नवी मुंबई शहर को वन मंत्री गणेश नाईक का गढ़ माना जाता है। यहां लगभग हर वार्ड में नाईक और शिवसेना के शिंदे के बीच मुकाबला है। शनिवार से भाजपा के इच्छुक लोगों का इंटरव्यू प्रोसेस शुरू किया जा चुका है, उसमें नाईक के समर्थक गठबंधन का विरोध करते दिखाई दे रहे हैं।
नवी मुंबई मनपा की 111 सीटों के लिए 15 जनवरी को चुनाव होंगे। नवी मुंबई मनपा बनने के बाद से ही गणेश नाईक इस शहर की सत्ता में हैं। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद हुए 2014 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में गणेश नाईक ने एनसीपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था लेकिन वे हार गए थे। हालांकि उसके बाद अगले ही साल हुए मनपा चुनाव में गणेश नाईक ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को नवी मुंबई मनपा में सत्ता दिलाने में सफलता हासिल की थी। इसलिए, यह देखा गया कि मोदी लहर के दौरान भी नवी मुंबईकर गणेश नाईक के साथ रहे।
2019 में गणेश नाईक भाजपा में शामिल हो गए और उनके साथ सभी समर्थक नगरसेवक भी भाजपा में शामिल हो गए, भाजपा पहली बार नवी मुंबई मनपा में सत्ता में आई। गणेश नाईक और उनका परिवार यह इलेक्शन अपने दम पर लड़ना चाहता है। हालांकि, अब सबका ध्यान इस बात पर है कि अगर दिल्ली और राज्य के नेता नवी मुंबई में उन पर गठबंधन करने का दबाव डालते हैं तो नाईक के समर्थक क्या रोल निभाएंगे, नवी मुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन में 60 से ज्यादा पुराने नगरसेवक भाजपा के साथ है।
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एकनाथ शिंदे की शिवसेना के पास 45 से ज्यादा पुराने नगरसेवक हैं। अगर गठबंधन नहीं होता है, तो शहर में इन दोनों पार्टियों के बीच सीधी टक्कर होगी। शहर की दोनों सीटों पर भाजपा को मानने वाले नए वोटर्स का एक बड़ा ग्रुप बन गया है। इसलिए, खुद नाईक का कहना है कि भाजपा नवी मुंबई में अकेले दम पर सत्ता पा सकती है। नाईक और उनके परिवार ने भाजपा नेताओं को इस बारे में मनाने की कोशिश की है।
अगर गठबंधन होता है, तो भाजपा को एकनाथ शिंदे की पार्टी को कम से कम 45 सीटें देनी होंगी। इसके अलावा, भाजपा और खासकर नाईक के समर्थकों के लिए अलग-अलग वार्ड में एक बड़ी मुश्किल खड़ी हो जाएगी। भाजपा की तरफ से शुरू किए गए पार्टी इंटरव्यू में, कई उम्मीदवारों ने गठबंधन न करने की इच्छा जताई है।






