
समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अबू आसिम आजमी (सौ. सोशल मीडिया)
Ajit Pawar Statement Controversy: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के एक बयान को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। एक सभा में लोगों से समर्थन मांगते हुए अजित पवार ने कहा कि स्थानीय निकाय चुनाव में वोट नहीं दिया तो सरकारी निधि उपलब्ध नहीं कराई जाएगी। यह बयान सामने आते ही विपक्षी दल और अजित पवार के विरोधी हमलावर हो गए हैं।
बारामती में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए अजित पवार ने कहा, “आप मुझे मालेगांव नगर पंचायत में महायुति के 18-18 उम्मीदवार जिताकर दीजिए, मैं आपके सभी वादे और मांगें पूरी करूंगा। लेकिन अगर आपने कट मारा, तो मैं भी कट मारूंगा… आपके पास वोट है तो मेरे पास निधि है। अब क्या करना है, यह आप तय करें।” उनके इस बयान के बाद विपक्षी पार्टियों ने चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग तेज कर दी है।
मालेगांव नगर पंचायत चुनाव प्रचार की शुरुआत के दौरान दिए गए इस बयान पर विपक्ष ने आरोप लगाया कि अजित पवार मतदाताओं पर दबाव डाल रहे हैं। उद्धव ठाकरे गुट और कांग्रेस ने कहा कि चुनाव आयोग को उनके इस बयान का संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए। विपक्ष का आरोप है कि सत्ता पक्ष चुनाव में दबाव की राजनीति अपना रहा है।
इधर, अजित पवार ने अपने बयान को सही ठहराते हुए कहा कि चुनाव के दौरान नेता जनता से वादे करते हैं- ऐसा बिहार समेत कई राज्यों में देखा गया है। उन्होंने कहा, “मैंने किसी को धमकी नहीं दी। बस इतना कहा कि अगर आप हमें जिताएंगे तो हम निधि देंगे और विकास करेंगे।”
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सपा नेता अबू आजमी ने कहा, अजित पवार जी जिस पैसे को अपना फ़ंड समझ रहे हैं, उन्हें जान लेना चाहिए कि वह सरकार का नहीं, जनता का पैसा है। और अगर वोट के बदले फ़ंड की बात हो रही है, तो फिर विपक्ष को ख़त्म कर देना चाहिए, चुनाव करवाने का क्या मतलब?






