
आदित्य ठाकरे (सोर्स: सोशल मीडिया)
Aaditya Thackeray Allegations: मुंबई महानगरपालिका की प्रारूप मतदाता सूची को लेकर शिवसेना (यूबीटी) के विधायक आदित्य ठाकरे ने चुनाव आयोग पर एक बार फिर से बड़ा आरोप लगाया है। आदित्य ठाकरे का दावा है कि चुनाव आयोग की मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी है। 20 नवंबर को जारी मुंबई महानगरपालिका की प्रारूप मतदाता सूची में व्यापक अनियमितताएं सामने आई हैं।
आदित्य ठाकरे ने बताया कि मुंबई के 227 वार्डों में 3 से 4 हजार आपत्तियां दर्ज की गई हैं। उन्होंने हमला बोलते हुए कहा कि चुनाव आयोग की हालत सर्कस जैसी हो गई है।
आदित्य ने अपने आरोपों के समर्थन में चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा कि यूबीटी के विधायक सुनील गोविंद शिंदे का नाम मतदाता सूची में 7 बार दर्ज है, जबकि उनकी उम्र और फोटो अलग-अलग दिखाई गई हैं। इसी तरह श्रद्धा जाधव का नाम 8 बार सूची में आया है। ज्योति गायकवाड और अनिल देसाई जैसे अन्य नेताओं के नाम भी दोहराए गए हैं।
आदित्य ठाकरे ने कहा कि चुनाव आयोग ने 14 लाख दोहराए गए मतदाताओं को हटाने की बात कही है। लेकिन 5 लाख 86 हजार लोगों का दोहरा पंजीकरण है। कुछ मृत मतदाताओं के डेथ सर्टिफिकेट देने के बाद भी उनके नाम सूची में बने हुए हैं। क्या उनके नाम पर प्रॉक्सी वोटिंग हो रही है?
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उद्धव ठाकरे के बेटे ने यह भी आरोप लगाया कि 1 जुलाई 2025 के बाद कोई भी नया मतदाता सूची में नहीं जुड़ सकता, लेकिन अब 33 हजार नए मतदाता सूची में जोड़े गए हैं। दोहराए गए मतदाताओं में मराठी मतदाताओं के नाम ज्यादा हैं। आदित्य ठाकरे ने कहा कि बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) के रूप में ऐसे लोग आ रहे हैं, जिन्हें पढ़ना-लिखना नहीं आता। वे खुद शाखा दर शाखा जाकर मतदाता सूची की जांच कर रहे हैं।
आदित्य ठाकरे ने बीएमसी, राज्य और केंद्रीय चुनाव आयोग से सवाल किया है कि यह गड़बड़ी किसने की है। शिवसेना (ठाकरे गुट) ने इस मुद्दे पर आंदोलन खड़ा करने की चेतावनी दी है और चुनाव आयोग को पत्र लिखकर स्पष्टीकरण मांगा है।






