
घातक नायलॉन मांझे की बिक्री पर लगे पूर्ण प्रतिबंध (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Mumbai News: महाराष्ट्र विधान परिषद की उपसभापति डॉ. नीलम गोर्हे ने राज्य में नायलॉन (चीनी) मांझे के कारण बढ़ते घातक हादसों और पर्यावरण विनाश पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए केंद्र और राज्य सरकार से तत्काल एवं कठोर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, तथा पर्यावरण और गृह विभाग को एक विस्तृत पत्र लिखकर नायलॉन मांझे के उत्पादन, भंडारण और बिक्री पर पूर्ण एवं प्रभावी प्रतिबंध लागू करने पर जोर दिया है। डॉ. गोर्हे ने विशेष रूप से इसकी ऑनलाइन बिक्री पर तत्काल रोक लगाने की मांग की, जिसे उन्होंने “सबसे बड़ा खतरा” बताया।
अपने ज्ञापन में डॉ. गोर्हे ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रतिबंध लागू किए जाने के बावजूद कठोर निगरानी के अभाव में नायलॉन मांझे की बिक्री तेजी से बढ़ रही है।
उन्होंने बताया कि यह जानलेवा मांझा Amazon, Flipkart, Meesho, इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप समूहों के माध्यम से Fish Line, Nylon Thread, Strong Wire जैसे भ्रामक नामों से आसानी से खरीदा जा सकता है।
कई विक्रेता इसे “इको-फ्रेंडली” या “कॉटन थ्रेड” के नाम पर नकली रूप से प्रचारित कर ग्राहकों को धोखा दे रहे हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को निर्देश दिए जाएं कि महाराष्ट्र की सीमा में नायलॉन मांझे की डिलीवरी तुरंत बंद की जाए।
डॉ. गोर्हे ने वर्धा, नासिक और भिवंडी सहित राज्य के कई शहरों में नायलॉन मांझे से हुई नागरिकों की मौत और गंभीर चोटों की घटनाओं को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि यह अत्यधिक धारदार और न टूटने वाला मांझा दोपहिया वाहन चालकों पैदल यात्रियों ड्यूटी पर तैनात पुलिस अधिकारियों को गंभीर रूप से घायल कर चुका है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि मांझे में फंसकर बड़ी संख्या में पक्षियों और जानवरों की मौत हो रही है, जिससे पर्यावरण पर भी गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है।
डॉ. गोर्हे ने कहा कि केवल प्रतिबंध पर्याप्त नहीं है, कड़ा और लगातार कार्यान्वयन जरूरी है। उन्होंने सुझाव दिया कि जिला स्तर पर विशेष प्रवर्तन दल गठित किए जाएं, बाजार क्षेत्रों, गोदामों और संभावित जमाखोरी वाले स्थानों पर छापेमारी की जाए,मांझे के स्टॉक को तुरंत जब्त किया जाए, उन्होंने यह भी मांग की कि नायलॉन मांझे के कारण होने वाली मौतों व चोटों के मामलों में आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत कठोरतम धाराओं में मुकदमे दर्ज किए जाएं।
ये भी पढ़े: मंत्री लोढ़ा को विधायक असलम की धमकी! मुंबई पुलिस आयुक्त से की शिकायत, कड़ी कार्रवाई की मांग
दीर्घकालिक समाधान के लिए, डॉ. गोर्हे ने व्यापक जन-जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता जताई। उन्होंने सुझाव दिया कि स्कूलों स्थानीय मंडलों सोशल मीडिया के माध्यम से जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएं। इसके अलावा, नागरिकों से सूचना प्राप्त करने हेतु हेल्पलाइन या वॉट्सऐप नंबर शुरू करने की अनुशंसा की। डॉ. गोर्हे ने सरकार से पर्यावरण-अनुकूल सूती मांझे को प्रोत्साहन देने की भी मांग की, ताकि खादी ग्रामोद्योग और स्थानीय कारीगरों को प्रशिक्षण सब्सिडी आर्थिक प्रोत्साहन मिल सके और सुरक्षित विकल्प आसानी से उपलब्ध हो सके। अंत में, उन्होंने संबंधित विभागों से आग्रह किया कि नायलॉन मांझे से हो रही बढ़ती जनहानि पर तुरंत संज्ञान लिया जाए और कठोरतम प्रतिबंधों को सख्ती से लागू किया जाए।






