सीएम फडणवीस, मुंबई कबूतरखाना विवाद (pic credit; social media)
Mumbai Pigeon house Controversy: बॉम्बे हाईकोर्ट के ‘कबूतरखानों’ को बंद करने के आदेश के बाद तीन दिनों में 918 कबूतरों की मौत हो गई। इसके खिलाफ जैन समाज ने विरोध जताया। प्रदर्शनकारियों ने बुधवार को मुंबई के दादर स्थित कबूतरखाने को ढंकने के लिए नगर निगम द्वारा लगाए गए तिरपाल को हटा दिया।
गुस्साए प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प भी हुई क्योंकि पुलिस ने उन्हें नगर निगम द्वारा लगाए गए तिरपाल को हटाने से रोकने की कोशिश की। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने BMC (बृहन्मुंबई महानगरपालिका) को निर्देश दिया कि वे मुंबई में कबूतरों के लिए वैकल्पिक जगहों की तलाश करें जहां उन्हें दाना-पानी दिया जा सके।
मुंबई के उपनगरीय जिले के संरक्षक मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने भी घटनास्थल का दौरा किया। लोढ़ा ने घटना की निंदा की और कहा कि पुलिस मामले में उचित कार्रवाई करेगी। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की भी अपील की और कहा कि इलाके में स्थित एक जैन मंदिर के ट्रस्ट के प्रबंधन ने दावा किया है कि इस प्रदर्शन में उनकी कोई भूमिका नहीं है।
महाराष्ट्र के सांस्कृतिक मामलों के मंत्री आशीष शेलार ने कबूतरों को नियंत्रित मात्रा में भोजन देने का सुझाव दिया और कहा कि इससे लोगों को असुविधा नहीं होनी चाहिए। हाल में उच्च न्यायालय ने कबूतरों की बीट के कारण सांस लेने में तकलीफ जैसी स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को देखते हुए मुंबई के कबूतरखानों को बंद करने का आदेश दिया था।
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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को उपमुख्यमंत्री अजित पवार, मंत्रियों गणेश नाइक, गिरीश महाजन और मंगल प्रभात लोढ़ा के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की। फडणवीस ने बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) को निर्देश दिया कि वैकल्पिक उपाय किए जाने तक संगठनात्मक सहयोग से कबूतरों को नियंत्रित मात्रा में आहार देना जारी रखा जाए।
जैन समुदाय के लिए कबूतरों को दाना डालना एक पवित्र परंपरा है। उन्होंने इसे बंद करने का कड़ा विरोध किया है। मुंबई में प्रदर्शन हुए और कबूतरों के सांस्कृतिक महत्व एवं सड़कों पर मर रहे कबूतरों की पीड़ा पर प्रकाश डाला गया। पुलिस के प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के बाद लोढ़ा ने घटनास्थल का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया।उन्होंने कबूतरखाने के सामने स्थित एक जैन मंदिर के प्रबंधन से भी बात की।
इस मुद्दे पर लोढ़ा ने मीडिया से कहा कि सुबह कबूतरखाने में जो कुछ भी हुआ वह ‘‘गलत” और ‘‘निंदनीय” था। प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस इस बारे में उचित फैसला लेगी।” लोढ़ा ने कहा कि जब उन्होंने जैन मंदिर ट्रस्ट के प्रबंधन से बात की तो उन्होंने प्रदर्शन में शामिल होने से इनकार किया और दावा किया कि इसमें कुछ बाहरी लोगों की भूमिका थी।
उन्होंने कहा कि मंगलवार को मुख्यमंत्री ने (मंत्रियों के साथ बैठक के दौरान) सभी की बात सुनी और निर्देश दिए ताकि लोगों के स्वास्थ्य को कोई खतरा नहीं हो और कबूतर भी न मरें। लोढ़ा ने कहा कि बीएमसी को साफ-सफाई और अन्य सभी चीजों के बारे में निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कल इस मुद्दे पर उच्च न्यायालय में एक रिपोर्ट पेश की जाएगी।” मंत्री शेलार ने कबूतरों को ‘‘नियंत्रित मात्रा में भोजन” देने की वकालत की। उन्होंने कहा कि कबूतरखानों के बारे में मुख्यमंत्री के आदेश और निर्देश स्वतः स्पष्ट हैं।