हाजी मस्तान से दाऊद इब्राहिम तक अंडरवर्ल्ड के सबसे खतरनाक डॉन
Underworld In Maharashtra: महाराष्ट्र की राजधानी को देश की आर्थिक राजधानी भी कहते हैं। मामा मारीच की इस नगरी को माया नगरी भी कहा जाता है। देशभर के विभिन्न हिस्सों से लोग यहां अपने सपनों की उड़ान भरने आते हैं। मुंबई में बड़े-बड़े उद्योगपति रहते हैं तो वहीं बॉलीवुड की चकाचौंध भी मुंबई को रोशन करती है। सेल्युलॉइड के सितारों से जगमगाती मुंबई का एक स्याह हिस्सा भी है, अंडरवर्ल्ड। मुंबई में ही दाऊद से लेकर रवि पुजारी तक अंडरवर्ल्ड के खतरनाक डॉन भी हुए। वो कहते हैं ना जहां शक्कर होगी वहां चींटी भी होगी ठीक उसी तरह जहां मौका होगा वहां अपराध भी होगा। आइए जानते हैं मुंबई में अब तक डॉन की संक्षिप्त कहानी।
मुंबई, भारत की आर्थिक राजधानी, हमेशा से ही एक ऐसा शहर रहा है जहां अपराध और डॉन की कहानियां सुनाई देती हैं। शहर की गहरी जड़ों में अपराध की एक लंबी और जटिल कहानी है, जिसमें कई डॉन ने अपनी पहचान बनाई है।
मुंबई के प्रमुख डॉन
मुंबई में हाजी मस्तान, करीम लाला और वरदराजन मुदलियार की तिकड़ी हुआ करती थी जिसने 60 से 80 के दशक में मुंबई पर राज किया इनका मुख्य काम स्मगलिंग था। 80 से 90 के दशक में दाऊद इब्राहिम, अबू सलीम, अरुण गवली, छोटा राजन, छोटा शकील और रवि पुजारी जैसे कुख्यात अपराधियों ने मुंबई पर कब्जा किया जिन्होंने मुंबई में स्मगलिंग से लेकर किडनैपिंग तक, फिरौती से लेकर हत्या तक की वारदातों को अंजाम दिया।
तिकड़ी डॉन
हाजी मस्तान, करीम लाला और वरदराजन मुदलियार 60 के दशक में मुंबई में एक दो नहीं बल्कि तीन कुख्यात डाउन हुआ करते थे हाजी मस्तान का अपना इलाका था, वरदराजन और लाल करीम लाला का अपना ये एक दूसरे की सीमा को क्रॉस नहीं करते थे इनकी दहशत मुंबई में करीब 80 के दशक तक थी। कहा जाता है कि लाल करीम का रुतबा ऐसा था कि वह दाऊद इब्राहिम जैसे गुंडो को सड़क पर पीट देता था।
दाऊद इब्राहिम
मुंबई में 1993 में हुए बम विस्फोट की साजिश दाऊद इब्राहिम ने ही रची थी। बम धमाके के बाद उसने पाकिस्तान में पनाह ले ली है। वह मुंबई छोड़ चुका है। 93 के बम धमाके में करीब ढाई सौ से अधिक लोग मारे गए थे। दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा के साथ घनिष्ठ संबंध रखता है। दो दशक से अधिक हो गया है। दाऊद पाकिस्तान में ही मौजूद है। भारत ने उसके सिर पर 25 मिलियन डॉलर का इनाम रखा है। दाऊद को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किया जा चुका है।
छोटा शकील
दाऊद का राइट हैंड छोटा शकील को माना जाता है और डी कंपनी को ऑपरेट करने में वह दाऊद की मदद करता है। कहा यह भी जाता है कि दाऊद के बाद भी छोटा शकील ही दाऊद की विरासत को संभालने का काम करेगा, क्योंकि बेटी की शादी हो चुकी है और बेटों को अंडरवर्ल्ड में रुचि नहीं है।
छोटा राजन
राजेंद्र सदाशिव निकालजे उर्फ छोटा राजन दाऊद की गैंग का ही एक अहम सदस्य हुआ करता था। जो 93 बम धमाके के बाद में उसका सबसे बड़ा दुश्मन बन गया। दोनों के बीच लंबे समय तक गैंगवार भी देखने को मिली। देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी इन दोनों ने एक दूसरे पर हमले करवाए।
रवि पुजारी
अंडरवर्ल्ड के डॉन को 5 साल पहले ही प्रत्यर्पण कर भारत लाया गया है। अफ्रीकी देश सेनेगल से भारत ले गए रवि पुजारी पर हत्या और जबरन वसूली के करीब 200 मामले दर्ज हैं। रवि पुजारी का निशाना खासतौर पर बॉलीवुड स्टार्स रहा करते थे। पुजारी ने छोटा राजन के सहयोगी के तौर पर अंडरवर्ल्ड की दुनिया में कदम रखा था।
अरुण गवली
मुंबई में 90 के दशक में ही अरुण गवली गैंग की भी तूती बोलती थी। मुंबई में अरुण गवली गैंग की काफी दहशत थी। अरुण गवली गैंग और दाऊद इब्राहिम का 36 का आंकड़ा था और इन दोनों के गैंग के सदस्यों के बीच खूनी जंग होती रहती थी। अंडरवर्ल्ड में इसे गैंगवार कहा जाता है।
अबू सलेम
1993 बम ब्लास्ट में दोषी पाए जाने के बाद अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम उम्रकैद की सजा काट रहा है। 93 के बम ब्लास्ट में अबू सलेम ने ही दाऊद की बनाई गई योजना को अंजाम देने में उसकी मदद की थी। अबू सलेम को पुर्तगाल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, जहां वह अपनी गर्लफ्रेंड बॉलीवुड एक्ट्रेस मोनिका बेदी के साथ था, जिसे बाद में पुर्तगाल सरकार ने भारत को सौंप दिया था।