यूबीटी मनसे गठबंधन पर राज ठाकरे करेंगे फैसला (photo credit; social media)
मुंबई: राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की मराठी वोटों में हिस्सेदारी का खामियाजा पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की शिवसेना कई बार भुगत चुकी है। मराठी वोटो के विभाजन की वजह से शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे (यूबीटी) को खासकर विधानसभा चुनाव 2024 में बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था। इससे सबक लेते हुए यूबीटी मनपा चुनावों से पहले मनसे के साथ वोटों का विभाजन रोकने के प्रयासों में जुट गई है।
यूबीटी से मनसे के गठबंधन के बारे में यूबीटी के प्रवक्ता, विधायक व विभाग प्रमुख एडवोकेट अनिल परब ने बड़ा बयान दिया है। परब ने कहा है कि उद्धव पिछले सब विवाद भूलने को तैयार हैं। लेकिन यूबीटी से मनसे के गठबंधन पर राज को फैसला लेना है।
दोनों मिलकर करेंगे चर्चा
एडवोकेट अनिल परब ने कहा कि मराठी लोगों की इच्छा के अनुरूप दोनों ठाकरे एक साथ आ जाएंगे, इसके लिए हम सकारात्मक हैं। चर्चा के दरवाजे हमने कभी बंद नहीं किए। दोनों प्रमुख नेता मिलेंगे, चर्चा करेंगे और निर्णय लेंगे। परब ने यह भी कहा कि दोनों सेनाओं में पार्टी का शीर्ष नेतृत्व जो निर्णय लेगा उसके अनुसार हम आगे बढ़ेंगे।
मैं एक छोटा सा नेता हूं। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएंगे, दोनों नेता बैठकर निर्णय लेंगे। उद्धव ठाकरे पहले ही कह चुके हैं कि हम सभी विवादों को दरकिनार कर एक साथ आने को तैयार हैं। अब राज ठाकरे को फैसला करना है कि वह हमारे साथ आना चाहते हैं या नहीं? महाराष्ट्र के हित में उन्हें निर्णय लेना है। हम चर्चा के लिए तैयार हैं।
सरकार कल भी चुनाव करा सकती है
अनिल परब ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने जो फैसला सुनाया है, उसके अनुसार उन्हें चार महीने के भीतर जिला परिषद और नगर पंचायत चुनाव कराने होंगे। मुंबई महानगरपालिका चुनाव में आरक्षण कोई मुद्दा नहीं है। यहां एकमात्र प्रश्न यह था कि सीटें 227 होंगी या 236? इस पर कोई रोक नहीं है। वे कल भी चुनाव करा सकते हैं। उनका प्रशासक वहां बैठा है और वे जो चाहें कर सकते हैं। वे प्रशासक के माध्यम से जो चाहें कर सकते हैं और मुंबई नगर निगम को लूट सकते हैं.