बुलढाणा बाणगंगा नदी में बाढ़
नासिक: भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के पूर्वानुमान के अनुसार, राज्य के कई हिस्सों में प्री-मानसून बारिश ने भारी तबाही मचाई है। पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश ने किसानों और आम लोगों दोनों के लिए काफी परेशानी खड़ी कर दी है। भारी बारिश ने पूरे राज्य में काफी नुकसान पहुंचाया है। नासिक के पिंपलगांव इलाके में शाम को बादल फटने जैसी भारी बारिश हुई, जिससे नदियां और नाले उफान पर आ गए। बुलढाणा जिले में भारी बारिश के कारण बाण गंगा नदी में अचानक बाढ़ आ गई, जिससे 2 गांवों का संपर्क टूट गया। इस बीच, अमरावती जिले में बिजली गिरने से एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई और 3 अन्य घायल हो गए। दूसरी घटना में रत्नागिरी जिले के राजापुर तालुके के जावलेथर इलाके में बिजली गिरने से 2 मजदूर घायल हो गए।
बांणगंगा में बाढ, संपर्क टूटा
16 मई की शाम को बुलढाणा तालुका में भारी बारिश हुई। इस मूसलाधार बारिश के कारण बाणगंगा नदी में बाढ़ आ गई, जिससे धाड़ और धामनगांव के गांवों के बीच संपर्क टूट गया। रिपोर्ट्स बताती हैं कि बाणगंगा नदी पर पुल का निर्माण कार्य कई दिनों से चल रहा है। लेकिन काम अधूरा रहने के कारण डायवर्सन रूट पर बना अस्थायी मिट्टी का पुल बह गया, जिससे दोनों गांवों के बीच संपर्क टूट गया। इसके अलावा, बुलढाणा तालुके में कई नदियां और नाले उफान पर हैं, जिससे क्षेत्र के किसानों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
नासिक में बादल फटे
नाशिक के पिंपलगांव इलाके में 16 मई शाम को बादल फटने जैसी तेज बारिश हुई, जिससे नदी-नालों में भयंकर बाढ़ आ गई। कई जगहों पर जलभराव की खबरें हैं। अचानक हुई भारी बारिश से प्याज व्यापारियों को काफी नुकसान हुआ है। प्याज व्यापारी शंकर ठक्कर को लाखों रुपये का नुकसान हुआ, क्योंकि सैकड़ों क्विंटल प्याज पानी में बह गए। प्याज उत्पादक जो अपनी उपज बेचने के लिए लाए थे, उन्हें भी भारी नुकसान हुआ, क्योंकि बाढ़ के कारण बड़ी मात्रा में प्याज भीग गया। इस प्रकार, प्याज व्यापारियों और प्याज उत्पादक किसानों दोनों को काफी नुकसान हुआ।
रिकॉर्ड तोड़ बारिश बनी इतिहास
नासिक के द्राक्षा नगरी, पिंपलगांव बसवंत और वडनेर भैरव इलाकों में बादल फटने जैसी भारी बारिश हुई है। स्थानीय लोगों का मानना है कि इतिहास में पहली बार इतनी रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई है। लेकिन इस बारिश ने अंगूर के बागों को बहुत नुकसान पहुंचाया है। इस बारिश से अंगूर की बेलों की नाजुक माइक्रो-बडिंग प्रक्रिया प्रभावित होने की आशंका है, जिसका अंगूर की फसल के मौसम पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। इसके अलावा, कटाई के लिए तैयार प्याज भी बारिश में भीग गया है। इस बीच, वडनेर के पास नेत्रावती नदी में बाढ़ आने से पिंपलगांव में भी बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। इस इलाके के कुछ हिस्सों में अब बाढ़ के कारण खेतों में मिट्टी के कटाव की चिंता है। कुल मिलाकर इस भारी बारिश ने किसानों को काफी निराश किया है।
बिजली गिरने से मौत
नायगांव तालुके में 16 मई की शाम करीब साढ़े छह बजे तेज हवाओं के साथ बारिश शुरू हुई। कुंतूर क्षेत्र में कहीं बारिश हुई तो कहीं तेज हवाएं चलीं। इन हवाओं के दौरान सांगवी निवासी चंद्रकांत सुभाष महागवे नामक युवक खेत से घर लौटते समय बिजली की चपेट में आ गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। शव को पोस्टमार्टम के लिए नायगांव के ग्रामीण अस्पताल भेज दिया गया है। सुभाष पाटिल महागवे उसके पिता थे, जिनका दुर्भाग्य से कोविड-19 के कारण निधन हो गया था। पहले ही अपने पिता का सहारा खो चुके चंद्रकांत महागवे की मौत प्रतिकूल मौसम की वजह से हुई प्राकृतिक आपदा के कारण हुई। इस घटना से गांव में दुख का महौल है।