कॉन्सेप्ट फोटो (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: देश का प्रमुख उद्योग समूह अडानी ग्रुप अब शिक्षा के क्षेत्र में भी पैठ बनाने की तैयारी कर रहा है। राज्य सरकार ने अडानी समूह को 9 सरकारी स्कूलों का प्रबंधन सौंपने का निर्णय ले लिया है। इससे विपक्ष की भौहें तन गई है। विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने सरकार पर महाराष्ट्र को अडानी के हाथों बेचने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। तो वहीं विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार व सांसद वर्षा गायकवाड़ ने भी सरकार के निर्णय की कड़ी आलोचना की है।
महाराष्ट्र सहित देश-विदेश में भवन निर्माण व विभिन्न बुनियादी ढांचे एवं अन्य व्यवसायों में अपना दबदबा स्थापित करने के बाद अडानी समूह ने शिक्षा के क्षेत्र में भी अपना प्रभुत्व स्थापित करने के लिए कदम बढ़ा दिया है। महाराष्ट्र के स्कूली शिक्षा विभाग ने शुक्रवार को राज्य के लगभग 9 स्कूलों का प्रबंधन अडानी फाउंडेशन को हस्तांतरित करने का सरकारी निर्णय (जीआर) लिया। इसमें महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के घुग्घुस का एक निजी स्कूल भी शामिल है।
सरकार के इस निर्णय के बाद चंद्रपुर के माउंट कार्मेल स्कूल का प्रबंधन सीधे तौर पर अडानी ग्रुप को मिल गया है। माउंट कार्मेल स्कूल एक गैर अनुदानित स्कूल है और यहां पहली से 12वीं तक के छात्र शिक्षा ग्रहण करते हैं।
यह भी पढ़ें:– अपनी ही सरकार के विरोध में आंदोलन करेंगे डिप्टी स्पीकर झिरवल, धनगर आरक्षण को लेकर बढ़ा विवाद
राज्य सरकार के इस फैसले पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए विधान परिषद में विपक्ष के नेता व शिवसेना (उद्धव गुट) के विधायक अंबादास दानवे ने सवाल उठाया है कि क्या महाराष्ट्र को अडानी के हाथों बेचने की तैयारी चल रही है? उन्होंने सवाल भरे लहजे में कहा कि भूखंड और उद्योग देने के बाद कुछ कमी रह गई थी जो अब सरकार अडानी को स्कूल भी सौंप रही है।
महाराष्ट्र विक्री आहे!
देशाला शिक्षणाचा मार्ग देणाऱ्या महाराष्ट्रावर आज अदानी समुहाच्या हातून बाराखडी लिहिण्याची वेळ आली आहे. जमीन, उद्योग कमी होते ते आता शाळा देखील हे सरकार अदानीच्या ताब्यात देत आहे. आता थेट चंद्रपूरच्या माउंट कार्मेल शाळेचा कारभार या सरकारने अदानी समूहाकडे… pic.twitter.com/HTHugTobj7
— Ambadas Danve (@iambadasdanve) September 29, 2024
विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि सरकार, महाराष्ट्र का 7/12 ही अडानी के नाम कर दे। शिंदे, फडणवीस और अजित पवार की सरकार राज्य की स्कूलों की दीवारों पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, छत्रपति शिवाजी महाराज, डाॅ. बाबा साहेब आंबेडकर, क्रांतिसूर्य महात्मा ज्योतिबा फुले और क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले की तस्वीरों के साथ-साथ गौतम अडानी की तस्वीर भी लगाने की तैयारी कर रही है।
यह भी पढ़ें:– दशहरा-दिवाली के लिए रेल विभाग का बड़ा फैसला, इस रूट पर बढ़ाई गई स्पेशल ट्रेनें
कांग्रेस सांसद वर्षा गायकवाड़ ने आरोप लगाते हुए कहा कि महाराष्ट्र के उद्योग और परियोजनाओं को गुजरात ले गए, संस्थानों को वहां भेज दिया गया, मुंबई के रियल एस्टेट बाजार को अडानी के कब्जे में देने की साजिश रची गई, मुंबई के हवाई अड्डे, कॉलोनियों को, धारावी, मुलुंड, देवनार, नमक भूमि साइट, एमएसआरडीसी बांद्रा रिक्लेमेशन की भूमि अपने मित्र की थाली में परोसने का पाप इस सरकार ने किया। अब ये सरकार स्कूल दे रही है। राज्य की गद्दार महायुति सरकार को इसका जवाब देना होगा’
स्कूली शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने कहा कि विभिन्न उद्योग समूह स्कूलों की मदद करें, ऐसी उम्मीद की जाती है। हम अपनी स्कूल दत्तक लेने की योजना में प्रबंधन का स्थानांतरण नहीं करते हैं। बस इसमें सुधार करते हैं। यदि कोई संस्था स्कूल मांगती है तो उसे देते हैं। अगर कोई उद्योग समूह है तो उनके सीएसआर के तहत अच्छे स्कूल उपलब्ध कराने की जरूरत है। इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
मंत्री दीपक केसरकर ने कहा कि यदि कोई उद्योग बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान करने के लिए भुगतान करता है तो इसमें गलत क्या है? स्कूलों का पाठ्यक्रम शिक्षा विभाग निर्धारित करता है। लेकिन बच्चों को सुविधाएं देने के लिए यदि कोई समूह पैसा खर्च करने को तैयार होता है तो उसका स्वागत किया जाना चाहिए।