नरहरी झिरवल (सोर्स: सोशल मीडिया)
नासिक: विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरी झिरवल के नेतृत्व में सत्ताधारी और विरोधी दलों के नेता धनगर समुदाय द्वारा आदिवासी समुदाय के आरक्षण में घुसपैठ को रोकने के लिए एक मजबूत रुख अपना रहे हैं, खासकर ‘पेसा’ भर्ती प्रक्रिया में। अपनी मांगों के लिए वे 30 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू करेंगे। यह हड़ताल आदिवासी समुदाय के अधिकारों की रक्षा और उनके आरक्षण की सुरक्षा के लिए की जा रही है।
नरहरी झिरवल महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष हैं और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सदस्य हैं। महाराष्ट्र में आदिवासी संगठनों और आदिवासी विधायकों ने मुख्यमंत्री द्वारा भर्ती के संबंध में दिए गए आश्वासन को पूरा नहीं करने के कारण मंत्रालय के सामने अनिश्चितकालीन धरने का फैसला किया है। इससे सत्ताधारी पार्टी के आदिवासी विधायकों का आंदोलन महायुति सरकार की मुश्किलें बढ़ा सकता है।
आदिवासी विकास मंत्री डॉ. विजयकुमार गावित के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने मुख्यमंत्री शिंदे से मुलाकात की थी और उन्हें 15 सितंबर तक पेसा कानून के तहत भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का आश्वासन दिया था। लेकिन अब तक इस आश्वासन को पूरा नहीं किया गया है, यह आरोप विधायक झिरवल ने लगाया है। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने धनगर समाज को आदिवासी समाज में शामिल करने के लिए एक समिति गठित की है और इस संबंध में कानून का मसौदा तैयार किया जा रहा है।
आदिवासी समुदाय धनगर समाज को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने के विरोध में है, जिससे समुदाय में भारी रोष है। इस मुद्दे पर डॉ। गावित और पूर्व मंत्री मधुकर पिचड की उपस्थिति में मुंबई में 23 सितंबर को बैठक हुई। इसमें मुख्यमंत्री शिंदे से मिलने का निर्णय लिया गया।
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मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दो दिन में समय देने का वादा किया, लेकिन अभी तक समय नहीं दिया है, जिससे आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ रहा है, यह बात झिरवल ने कही। मुख्यमंत्री शिंदे, दोनों उपमुख्यमंत्री, आदिवासी विकास मंत्री, आदिवासी सचिवों को निवेदन दिया गया है। इस आंदोलन में आदिवासी विधायक, सांसद, पूर्व लोकप्रतिनिधि और सभी संगठन सहभागी होंगे, यह दावा झिरवल ने किया।
मराठा समुदाय को ओबीसी से आरक्षण दिलाने के लिए मराठा आंदोलक मनोज जरांगे पाटिल ने कई आंदोलन किए, जिससे महायुति सरकार पर दबाव बढ़ गया है। इस आरक्षण का विरोध करने के लिए लक्ष्मण हाके ने भी आंदोलन किया। दूसरी ओर धनगर समुदाय को आदिवासी समाज से आरक्षण चाहिए। अब धनगरों के आरक्षण के विरोध में सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों के साथ विधानसभा उपाध्यक्ष झिरवल सरकार के खिलाफ बेमुदत धरने पर बैठने जा रहे हैं, जिससे महायुति सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
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नरहरी झिरवल ने कहा कि मुंबई के ‘सुरूची’ में मेरे निवास स्थान पर गत सोमवार को सभी लोकप्रतिनिधियों और संगठनों की बैठक हुई थी। उस बैठक के बाद मुख्यमंत्री शिंदे से मिलने का प्रयास किया गया। 2 दिनों में मुलाकात का आश्वासन मिला था, लेकिन मुख्यमंत्री ने समय नहीं दिया, जिससे बच्चों ने मेरे निवास स्थान पर धरना दे दिया है। झिरवल ने कहा कि बच्चों ने यह पवित्रा किया है कि जब तक निर्णय नहीं होता, तब तक वे यहां से नहीं हटेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि यह आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से होना चाहिए।