
प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र में गुटखा और विभिन्न तम्बाकू उत्पादों पर प्रतिबंध के बावजूद, इन्हें सड़क किनारे दुकानों पर खुलेआम बेचा जा रहा है। सरकार का कहना है कि नशे के खिलाफ जागरूकता पैदा करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को विधानसभा में इसके बारे में जानकारी दी।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा को बताया कि जनवरी से अप्रैल 2025 के बीच राज्य भर में 153.25 करोड़ रुपये मूल्य का 28,302 किलोग्राम मादक पदार्थ जब्त किया गया। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि राज्य में गुटखा और विभिन्न तम्बाकू उत्पादों पर प्रतिबंध के बावजूद, इन्हें सड़क किनारे दुकानों पर बेचा जाना जारी है।
महाराष्ट्र विधानसभा में एनसीपी विधायक काशीनाथ दाते और अन्य विधायकों द्वारा इस मुद्दे पर पूछे गए प्रश्न के लिखित उत्तर में सीएम फडणवीस ने कहा कि इस अवधि के दौरान स्वापक औषधि एवं मन:प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत 5,001 मामले दर्ज किए गए हैं और 4,481 लोगों को मादक पदार्थ की तस्करी, उसे रखने और सेवन के लिए गिरफ्तार किया गया है।
सीएम फडणवीस ने बताया कि इस वर्ष जनवरी से अप्रैल तक गुटखा या अन्य तंबाकू उत्पादों की बिक्री, रखने और उपभोग के संबंध में 37,149 व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी पुलिस प्रतिष्ठानों में मादक पदार्थ निरोधक प्रकोष्ठ (एएनसी) स्थापित किए गए हैं।
इसी प्रकार, मादक पदार्थ रोधी कार्यबल (एएनटीएफ) के साथ-साथ एक समन्वय केंद्र भी स्थापित किया गया है। मुख्यमंत्री के अनुसार, नशे के खिलाफ जागरूकता पैदा करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं।
महाराष्ट्र के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री प्रकाश अबितकर ने सोमवार को कहा कि राज्य में पिछले साल अप्रैल से फरवरी 2025 के बीच 12,000 से अधिक बच्चों की मौत दर्ज की गई है, यानी प्रतिदिन औसतन 37 से अधिक मौतें।
यह आंकड़ा प्रश्नकाल के दौरान तब सामने आया जब विपक्ष और सत्ता पक्ष के 10 विधान परिषद सदस्यों ने सवाल पूछा कि क्या राज्य में 11 महीनों में 12,438 बच्चों की मौत हुई है? उन्होंने कोल्हापुर जिले की स्थिति पर भी प्रकाश डाला, जहां 11 नवजात शिशुओं सहित 1,736 बच्चों की मृत्यु की सूचना मिली है। प्रश्न के लिखित जवाब में अबितकर ने इन आंकड़ों की पुष्टि की।
इधर एनसीपी (एसपी) ने महाराष्ट्र में अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 के बीच 12,000 बच्चों की मौत पर मंगलवार को चिंता व्यक्त की तथा पूछा कि राज्य सरकार मासूम बच्चों की और मौतों को रोकने के लिए क्या कदम उठा रही है।
पार्टी के प्रवक्ता महेश तपासे ने कहा कि हम सरकार से आग्रह करते हैं कि वह इन मौतों के मामले में आयु-वार ब्योरा तुरंत जारी करे तथा अंतर्निहित कारणों की जानकारी दे, ताकि हमारे बच्चों के भविष्य की सुरक्षा के लिए उचित विश्लेषण और लक्षित हस्तक्षेप संभव हो सके।
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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के प्रवक्ता तपासे ने पूछा कि महाराष्ट्र सरकार और अधिक मौतें रोकने के लिए क्या कदम उठा रही है। सरकार इन 12,438 बच्चों की मृत्यु के पीछे की आयुवार जानकारी और सटीक कारणों का खुलासा करने में क्यों विफल रही है?






