शरद पवार को स्वागत करते राजे समरजीत घाटगे (सोर्स: एक्स@ghatge_raje)
कोल्हापुर: विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार महायुति को लगातार झटके दे रहे हैं। इसी रणनीति के तहत पवार मंगलवार को कोल्हापुर पहुंचे। उनके इस दौरे में सबसे बड़ा घटनाक्रम यह रहा कि राजर्षि शाहू महाराज के पैतृक परिवार के वंशज और भाजपा नेता राजे समरजीत घाटगे शरद पवार की उपस्थिति में राकांपा में शामिल हो गए।
इस मौके पर समरजीत ने यह खुलासा किया कि इस पक्ष प्रवेश से पहले उन्होंने उपमुख्यमंत्री एवं बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस से मिलकर उन्हें अपना पक्ष बताया। घाटगे ने कहा कि वह विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं और पार्टी उनकी ये इच्छा पूरी नहीं कर सकती है।
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समरजीत घाटगे कोल्हापुर में बीजेपी के बड़े नेता हैं। उन्हें फडणवीस का करीबी माना जाता है। घाटगे के शरद पवार गुट में शामिल होने के फैसले को फडणवीस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। शाम 6 बजे कागल के गैबी चौक पर आयोजित किए गए इस पक्ष प्रवेश समारोह में समरजीत घाटगे ने दावा किया है कि गैबी चौक पर हुई यह सभा कागल के इतिहास की सबसे बड़ी सभा है। इसी के साथ समरजीत ने यह भी कहा कि उन्होंने फडणवीस से व्यक्तिगत तौर पर मिलकर बातचीत की है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस में विभाजन के बाद, कागल विधायक हसन मुश्रीफ ने अजित पवार के साथ रहने का फैसला किया। यह तय माना जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में कागल निर्वाचन क्षेत्र एनसीपी के अजित पवार गुट के हाथ से निकल जाएगा। ऐसे में समरजीत ने कहा कि मैंने पार्टी नहीं छोड़ी है। पार्टी मेरे साथ न्याय नहीं कर सकती है। मुझे उम्मीदवारी नहीं मिलेगी। मैं कागल विधानसभा चुनाव लड़ना चाहता हूं।
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समरजीत ने कहा कि विधान परिषद की पेशकश से पहले ही मैंने उनसे साफ कह दिया था कि मैं विधान परिषद में नहीं जाना चाहता। मैं लोगों के लिए लड़ने वाला एक कार्यकर्ता हूं। उन्होंने यह भी कहा कि मैं जनता के बीच से चुना जाना चाहता हूं। शरद पवार गुट में शामिल होने के बाद समरजीत घाटगे को कागल विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवारी मिलने की संभावना है।