3 दिन की पुलिस हिरासत में प्रशांत कोरटकर। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
कोल्हापुर: महाराष्ट्र के कोल्हापुर की सत्र अदालत ने 17वीं सदी के मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज एवं उनके बेटे छत्रपति संभाजी के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोपी पत्रकार प्रशांत कोरटकर को मंगलवार को 28 मार्च तक पुलिस हिरासत में भेज दिया।
नागपुर निवासी कथित पत्रकार कोरटकर को सोमवार को तेलंगाना से गिरफ्तार किया गया था। कोरटकर के खिलाफ 26 फरवरी को मामला दर्ज किया गया था। यह मामला कोरटकर और कोल्हापुर के इतिहासकार इंद्रजीत रावत के बीच हुई बातचीत के ‘ऑडियो’ के आधार पर दर्ज किया गया था। भारतीय न्याय संहिता के तहत उनके खिलाफ समूहों के बीच नफरत या दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
बता दें कि कोल्हापुर में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डी. वी. कश्यप ने कोरटकर की अग्रिम जमानत याचिका 18 मार्च को खारिज कर दी थी। कोरटकर ने याचिका में दावा किया था कि उनके फोन और ऑडियो क्लिप से छेड़छाड़ की गई थी। साथ ही उन्होंने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है।
इस बीच, इंद्रजीत सावंत के वकील असीम सरोदे ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि कोरटकर ने पुलिस जांच में मदद नहीं की। कोरटकर ने अदालत में दावा किया है कि फोन पर सावंत को धमकी देने वाली आवाज मेरी नहीं है। इसलिए, उनकी आवाज़ का नमूना लेना महत्वपूर्ण है।
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इसके लिए हमने 7 दिन की पुलिस हिरासत मांगी। कोरटकर चंद्रपुर पुलिस मुख्यालय के सामने रहते थे। यदि वह पुलिस के नजदीक रहते हुए फरार हो रहा है तो इसकी जांच होनी चाहिए। हमारी लड़ाई कोरटकर जैसी प्रवृत्तियों के खिलाफ है। इसकी जांच होनी चाहिए कि क्या अन्य लोगों ने भी कोरटकर की मदद की थी।
कोरटकर के गैरजिम्मेदाराना कृत्य से नागपुर में आक्रोश फैल गया। नागपुर थाने में मामला दर्ज होने के बाद वहां की पुलिस भी उसकी तलाश में जुट गई। इस बीच, एडवोकेट सौरभ घाघ ने कोल्हापुर जिला एवं सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन दायर किया। सुनवाई के बाद उन्हें अस्थायी राहत दी गई। हालांकि अंतिम सुनवाई के बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश डी.वी. कश्यप ने उनकी अग्रिम जमानत खारिज कर दी।