
उद्धव ठाकरे (सोर्स: सोशल मीडिया)
Uddhav Thackeray Attacks Maharashtra Government: शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शनिवार को भाजपा नीत महाराष्ट्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने सरकार को ‘दगाबाज सरकार’ करार दिया और उन पर किसानों के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया।
ठाकरे ने मराठवाड़ा क्षेत्र के अपने चार दिवसीय दौरे के अंतिम दिन जालना जिले की परतुर तहसील के पटोदा गांव का दौरा किया, जहां उन्होंने मानसून के दौरान मूसलाधार बारिश से हुई तबाही का जायजा लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि भारी बारिश और बाढ़ के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ, लेकिन सरकार के राहत उपाय धीमे और अपर्याप्त रहे।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि भले ही सरकार ने एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर खरीद की घोषणा की थी, लेकिन क्रय केंद्र बहुत देर से शुरू हुए।
उद्धव ठाकरे ने सरकार पर पंचनामा (नुकसान का आकलन) प्रक्रिया में जानबूझकर देरी करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने किसानों से अपील की कि सरकार किसानों को धोखा दे रही है। इसलिए मैं किसानों से अपील करता हूं कि वे इस ‘दगाबाज सरकार’ का पंचनामा खुद बनाएं।
उन्होंने किसानों से सरकारी अधिकारियों से मिलने और उनसे पूछने का आग्रह किया कि क्या उन्होंने नुकसान का आकलन किया है और रिपोर्ट जमा की है।
ठाकरे ने प्रभावित किसानों के लिए 50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर मुआवजे की मांग की। उन्होंने देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा घोषित 31,628 करोड़ रुपये के राहत पैकेज को बहुत बड़ा धोखा करार दिया। फडणवीस ने इसे ‘ऐतिहासिक पैकेज’ बताया था, जबकि सरकार ने कहा था कि 29 जिलों में 68.7 लाख हेक्टेयर से ज़्यादा फसलों को भारी बारिश और बाढ़ से नुकसान हुआ है।
उद्धव ठाकरे ने पुणे भूमि सौदे को लेकर मुख्यमंत्री फडणवीस पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “फडणवीस में कार्रवाई करने का साहस नहीं है। यह जनता के पैसे और देश की लूट के अलावा और कुछ नहीं है”। उन्होंने आरोप लगाया कि जब भाजपा और उसके सहयोगी भारत माता को लूट रहे हैं, तो उन्हें राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम का नारा लगाने का कोई अधिकार नहीं है।
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उन्होंने उपमुख्यमंत्री और राकांपा प्रमुख अजित पवार पर भी निशाना साधा, जिन्होंने बार-बार की जा रही कर्ज माफी की मांगों की आलोचना की थी। ठाकरे ने कहा कि अजित पवार खुद जमीन सौदों से लाभान्वित हुए हैं। उन्हें किसानों के बारे में बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
ठाकरे ने कृषि ऋण माफी पर निर्णय के लिए सरकार द्वारा दी गई 30 जून, 2026 की तारीख पर भी सवाल उठाया और इसे फर्जी और धोखाधड़ी करार दिया। उन्होंने भाजपा को भ्रष्टाचारी जनता पार्टी करार देते हुए आरोप लगाया कि सरकार घोटालों और भ्रष्टाचार में लिप्त है। ठाकरे ने किसानों से अपील की कि जैसे प्रधानमंत्री ने नोटबंदी की, वैसे ही किसानों को भाजपा और उसके सहयोगियों के खिलाफ ‘वोटबंदी’ करनी चाहिए।






