रेत खनन-फाइल फोटो (सोर्स: सोशल मीडिया)
जलगांव: जलगांव शहर के नागझिरी इलाके में अवैध रेत तस्करी का मामला एक बार फिर उजागर हुआ है। राजस्व विभाग और एमआईडीसी पुलिस की टीम ने 24 मार्च की रात 11:30 बजे इस अवैध गतिविधि के खिलाफ छापा मारा, लेकिन टीम के पहुंचते ही ट्रक चालक वाहन लेकर फरार हो गया। इस घटना के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर आरोपी को पुलिस की गुप्त कार्रवाई की भनक कैसे लगी? क्या सूचना पहले ही लीक कर दी गई थी?
शिरसोली के ग्राम राजस्व अधिकारी अजय बिडवे को गुप्त सूत्रों से यह जानकारी मिली थी कि नागझिरी इलाके में बिना अनुमति के बड़े पैमाने पर रेत का अवैध परिवहन हो रहा है। इस सूचना के आधार पर उन्होंने एमआईडीसी पुलिस की मदद से रात 11:30 बजे संयुक्त कार्रवाई की योजना बनाई।
टीम जैसे ही नागझिरी पहुंची, वहां एक बिना नंबर का हाईवा ट्रक अवैध रूप से रेत लादे खड़ा था। लेकिन इससे पहले कि प्रशासन वाहन को जब्त करता, ट्रक चालक दिलीप पाटिल मौके से वाहन लेकर भाग निकला।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर यह कार्रवाई गुप्त रूप से की गई थी, तो आरोपी को इसकी जानकारी कैसे मिली? क्या प्रशासन के किसी व्यक्ति ने तस्करों तक यह खबर पहुंचाई? या फिर रेत माफिया इतने प्रभावशाली हैं कि उन्हें हर कार्रवाई की भनक पहले ही लग जाती है?
महाराष्ट्र में अवैध रेत तस्करी एक संगठित अपराध बन चुका है, और बार-बार यह आरोप लगते हैं कि तस्करों को राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण प्राप्त है। ऐसे में इस घटना ने एक बार फिर प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं।
ग्राम राजस्व अधिकारी अजय बिडवे ने इस घटना की शिकायत एमआईडीसी पुलिस थाने में दर्ज कराई। शिकायत के आधार पर 25 मार्च की सुबह 5 बजे फरार ट्रक चालक दिलीप पाटिल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। अब पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती चालक को गिरफ्तार करना और उसके पीछे छिपे असली सरगनाओं तक पहुंचना है।
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इस घटना से साफ जाहिर होता है कि रेत तस्करों का एक मजबूत नेटवर्क सक्रिय है, जो प्रशासन की हर गतिविधि पर नजर रखता है। अब यह देखना होगा कि क्या पुलिस इस मामले की तह तक जाकर असली दोषियों तक पहुंच पाती है, या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह फाइलों में दबकर रह जाएगा?