महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल (सोर्स: सोशल मीडिया)
नवभारत डेस्क: महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने मंगलवार को महाराष्ट्र की सरकार पर जमकर हमला बोला है। सपकाल ने राज्य के वित्तीय स्थिति को लेकर बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का कहना है कि राज्य वित्तीय संकट में है। सरकार वित्तीय संकट का हवाला दे रही है लेकिन राज्य में भ्रष्टाचार कम नहीं हो रहा है। सरकार के पास राज्य की जनता के लिए पैसा नहीं है लेकिन फालतू के कामों में पैसा बर्बाद किया जा रहा है।
कांग्रेस नेता हर्षवर्धन सपकाल ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर अपने अकाउंट से एक पोस्ट करते हुए सरकार के खर्च को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने दावा कि सरकार का कहना है कि राज्य में वित्तीय संकट है और वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना बंद कर दी गई।
महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने एक समाचार पत्र में छपे विज्ञापन को पोस्ट करते हुए लिखा कि “राज्य में वित्तीय संकट होने का बात कर सरकार ने वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना बंद कर दी। लाडकी बहनों को 2,100 प्रति माह नहीं दिए, किसानों का कर्ज माफ नहीं किया गया और चौंडी में होने वाली कैबिनेट बैठक के लिए मंडप और व्यवस्था पर 150 करोड़ रुपये बर्बाद किए जा रहे हैं।”
राज्य आर्थिक अडचणीत असल्याचं सांगत सरकारने
ज्येष्ठ नागरिक तीर्थक्षेत्र योजना बंद केली.लाडक्या बहिणींना प्रति महिना २१०० रुपये दिले नाहीत.
शेतकरी कर्जमाफी केली नाही.
आणि चोंडी येथे होणा-या मंत्रिमंडळ बैठकीच्या मंडप आणि व्यवस्थेसाठी १५० कोटी रुपयांची उधळपट्टी केली जात आहे.… pic.twitter.com/xV0k8CYFMq
— Harshwardhan Sapkal (@INCHarshsapkal) April 22, 2025
सपकाल ने पिछले दिनों महाराष्ट्र के दौरे पर आए केंद्रीय गृह मंत्री के लिए किए खर्च पर सवाल उठाते हुए लिखा कि “एक सप्ताह पहले जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और सांसद सुनील तटकरे के घर गए थे, तब भी हेलीपैड पर 1.5 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।”
महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रमुख हर्षवर्धन सपकाल ने महाराष्ट्र की महायुति सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार में बैठे सत्ता के दलाल पांच सितारा सुविधाओं का आनंद ले रहे हैं, जिससे जनता आर्थिक कठिनाई में है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र की महायुति सरकार की महत्वकांक्षी योजना “मुख्यमंत्री लाडकी बहिन योजना” को लेकर लगातार सवाल उठाता रहा है। पिछले साल हुए विधानसभा चुनावों से पहले महायुति सरकार ने इस योजना को लागू किया था, और चुनाव के बाद इसकी राशि बढ़ाने का वादा किया था।
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विधानसभा चुनाव में महायुति की बंपर जीत के बाद विपक्ष इस योजना के तहत 2100 रुपए प्रति माह देने की बात याद दिलाता रहा। इस साल पेश किए बजट में इसकी बढ़ाने की उम्मीद की जा रही थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके बाद से राज्य की वित्तीय स्थिति पर सवाल उठने रहे है। इसी पर आज हर्षवर्धन सपकाल ने एक बाद फिर से हमला बोला है।