चुनावी आहट के बीच कार्यकर्ताओं के ‘अच्छे दिन’ शुरू (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Maharashtra Political Strategy: बिरसीफाटा/तिरोड़ा नगरपालिका चुनावों का बिगुल बजते ही तिरोड़ा शहर का राजनीतिक तापमान तेजी से बढ़ने लगा है। आचार संहिता लागू होते ही उम्मीदवारों के पास प्रचार-प्रसार के लिए गिनती के दिन ही बचे हैं। इसी कारण सभी दलों में संगठन को मज़बूत करने और पुराने कार्यकर्ताओं को साधने की होड़ मच गई है।
चुनावी हलचल के बीच सबसे रोचक दृश्य कार्यकर्ताओं और नेताओं के बदलते व्यवहार का देखा जा रहा है। आम दिनों में जिन नेताओं के फोन कई बार करने पर भी नहीं लगते थे, वही नेता अब एक ही रिंग में कॉल रिसीव कर रहे हैं। इस बदलाव को देखकर स्वयं कार्यकर्ता भी हैरान हैं। लंबे समय से उपेक्षित कई कार्यकर्ताओं को इस चुनावी मौसम में अचानक अपने ‘अच्छे दिन’ आते हुए महसूस हो रहे हैं।
चुनाव आते ही पार्टियों में इनकमिंग और आउटगोइंग दोनों की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। जिन कार्यकर्ताओं के पीछे घर का भरपूर मतदान आधार भी नहीं होता, वे भी इस मौसम में पार्टी बदलने की सोच रखने लगते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए किसी भी अनावश्यक टूट-फूट से बचने के लिए नेता अपने-अपने कार्यकर्ताओं को मनाने, समझाने और पार्टी में बनाए रखने के लिए सक्रिय हो गए हैं।
जगह-जगह गुप्त बैठकों, कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रमों और सामूहिक चर्चाओं का दौर लगातार जारी है। इधर, कार्यकर्ता भी पीछे नहीं हैं। हर दिन वे किसी न किसी नए नेता का नाम चर्चाओं में प्रमुखता से उछाल रहे हैं। चुनाव की सुगबुगाहट बढ़ने के साथ ही कल तक चुनावी मैदान से दूर दिखाई देने वाले कई नेता अचानक सक्रिय हुए हैं। क्षेत्र में उनके दौरे, जनसंपर्क और बैठकें तेज हो गई हैं।
ये भी पढ़े: गोंदिया शहर में पुरानी सड़कों की हालत बदहाल, निर्माण घटिया गुणवत्ता का
कई कार्यकर्ता नेताओं को उत्साहित करते हुए कहते नजर आ रहे हैं। “आपका माहौल अच्छा है, जनता का प्रतिसाद भी बढ़िया है, बस टिकट लेने में कमी मत रहने देना।” इस तरह एक ही पार्टी के कई दावेदारों को कार्यकर्ता मैदान में सक्रिय कर रहे हैं, जिससे अंदरखाने खिचड़ी पकने लगी है।
कुल मिलाकर, चुनावी आहट ने शहर की राजनीति में नई सरगर्मी पैदा कर दी है। नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच बढ़ती बातचीत, बैठकों और रणनीतियों का दौर आने वाले दिनों में चुनावी माहौल को और अधिक रोमांचक बनाने वाला है।