योजनाओं के लाभ से ग्रामीण किसान वंचित (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Gondia News: किसानों को कभी बेमौसम बारिश, कभी अतिवृष्टि, कभी अकाल, कभी गोदाम में जगह न होने से धान को बाहर रखने की मजबूरी, कभी बदरीला मौसम इन सभी प्राकृतिक आपदाओं से परेशान होना पड़ता है, इन सबके बीच दुर्गम क्षेत्रों के किसानों को जब कृषि विभाग की योजनाओं का लाभ नहीं मिलता तो वे परेशान हो जाते है। कृषि विभाग की अनेक सरकारी योजनाओं की जानकारी ही किसानों को नहीं होती है। जिन किसानों को योजनाओं की जानकारी मिलती भी है तो बहुत देर हो जाती है।
राष्ट्रीय फलोत्पादन अभियान, राष्ट्रीय अनाज विकास कार्यक्रम, गतिमान पानलोट, जलसंधारण कार्यक्रम, खाद का समतोल, कृषि विस्तारीकरण, एकात्मिक उपयोग फसल सुरक्षा योजना, अनुसूचित जाति जनजाति उपाय योजना, अनुदान आधारित हथियार वितरण, ठिंबक सिंचन, तुषार सिंचाई योजना अमल में लाई जा रही है। इन योजनाओं में से अधिकांश किसानों को कोई जानकारी नहीं मिल पाती है।
किसानों को सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी न होने के पीछे के कारणों की समीक्षा करना जरूरी है। किसानों को सरकारी योजना का लाभ क्यों नहीं मिल पा रहा है यह जानना बहुत जरूरी है। किसानों को नई तकनीक के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है, इसलिए वे नई तकनीक का उपयोग करने में हिचक महसूस करते हैं।
हर किसान को अगर योजना की सही जानकारी मिले तो किसानों को बहुत ही लाभ मिलेगा। जिले में खरीफ तथा रबी इन दोनों फसलों में जिले में धान की फसल बहुतायत से ली जाती है। धान की फसल के साथ-साथ अन्य फसलों के उत्पादक किसान भी सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। जिले के अधिकांश लोग कृषि क्षेत्र से जुड़े हैं। नए तकनीकी युग में कृषि क्षेत्र में भी काफी बदलाव आए हैं, लेकिन जो किसान आर्थिक रूप से सबल हैं, वे नई तकनीक का लाभ ले रहे हैं, लेकिन जो आर्थिक रूप से सबल नहीं हैं, वे आधुनिक तकनीक का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं।
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जिले में खरीफ फसल के लिए खाद देने की प्रक्रिया शुरू है। लेकिन खाद की कीमतों में वृद्धि होने से किसान परेशान हो गए है। जिसके कारण किसानों को महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है।
खेत से उत्पादित माल को उचित भाव नहीं मिलने से किसानों की आर्थिक परिस्थिति बिकट हो गई। इसका किसानों ने विरोध किया, जिस कारण केंद्र ने कुछ पैमाने पर खाद की कीमतें कम की। वहीं फिर से खाद की कीमतों में वृद्धि होने से किसानों को संकट का सामना करना पड़ रहा है।