गोंदिया. खाद्य व औषधि प्रशासन भंडारा कार्यालय द्वारा सभी खाद्य व्यापारी खाद्य सुरक्षा व मानक अधिनियम 2006 के अंतर्गत लाइसेंस व पंजीकरण प्राप्त कर ही व्यवसाय करें. 12 लाख रु. से अधिक के वार्षिक कारोबार वाले लोगों को लाइसेंस प्राप्त करना आवश्यक है. 12 लाख रु. से कम वार्षिक कारोबार वाले खाद्य विक्रेताओं को पंजीकरण कराना आवश्यक है.
जो खाद्य व्यापारी बिना लाइसेंस, बिना पंजीयन खाद्य बिक्री करते पाएंगे उनके खिलाफ खाद्य सुरक्षा व मानक अधिनियम के तहत न्यायालय में मुकदमा दर्ज करने का प्रावधान है. जो दूकानदार ग्राहकों को खराब माल देंगे ऐसे दूकानदारों की दुकानों को ताला जड़ दिया जाएगा. दुकान का पंजीयन करना अतिआवश्यक है. सरकारी नियम के अनुसार कोई भी बिना पंजीयन के दूकानदारी नहीं कर सकता है.
शहर के 200 लोगों ने एफएसएसएएआय के लिए पंजीयन किया है. लायसेंस लेते समय एफएसएसएएआय डॉट इन इस संकेत स्थल पर जाकर ऑनलाईन आवेदन किया जा सकता है.
दूकानदार ने फूड लायसेंस प्रमाणपत्र अपनी दूकान के सामने लगाए. ताकि ग्राहकों को पता चले की दूकान खाद्य व औषधि प्रशासन के पास पंजीकृत है. इसका ध्यान रखना जरूरी है.
खाद्य व औषधि प्रशासन के उपायुक्त ए.पी. देशपांडे ने बताया कि खाद्य व्यापारियों के बीच खाद्य लाइसेंस पंजीकरण कराने के लिए विशेष अभियान चलाया गया है. सभी खुदरा विक्रेता, थोक विक्रेता, सब्जी, फल विक्रेता, पावभाजी, पानीपुरी विक्रेता, अंडे, मांस विक्रेता, मछली विक्रेता के साथ-साथ उत्पादकों को भी तत्काल खाद्य लाइसेंस के लिए पंजीयन कराना चाहिए.
उपभोक्ता स्वयं यह पता लगाना चाहते हैं कि प्रत्येक खाद्य पदार्थ के पहले बेस्ट बिफोर लिखा है या नहीं, यदि बेस्ट बिफोर नहीं लिखा गया है, तो इसकी सूचना खाद्य व औषधि प्रशासन को दी जा सकती है.