
दफ्तरों खाली कुर्सियां (फोटो नवभारत)
Gondia Government Officers Absent: दिवाली से दो-तीन दिन पहले कई छुट्टियों के कारण आम लोगों का काम ठप पड़ा है। जिससे ग्रामीण इलाकों में किसानों और अन्य मेहनती लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। इसका एक फायदा यह है कि सरकार ने दिवाली लक्ष्मी पूजा और भाई दूज के लिए छुट्टी घोषित की है।
24 अक्टूबर को दफ्तर का हमेशा की तरह खुला रहना अनिवार्य है। लेकिन जब कार्यालय प्रमुख ही गायब है तो उनके अधीनस्थ कर्मचारी भी गायब दिखाई दिए। इसके कारण कार्यालयों में सन्नाटा छाया हुआ था और उनके काम के लिए आने वाले ग्रामीणों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी।
कुछ कर्मचारी अभी भी घर किराया, यात्रा भत्ता ले रहे हैं और सरकार को गुमराह कर रहे हैं और वित्तीय धोखाधड़ी भी कर रहे हैं और झूठे प्रमाण पत्र संलग्न करके संबंधित प्रशासन को झूठे प्रमाण पत्र दिखाकर मुख्यालय में रहने का बहाना कर सरकार को चुना लगा रहे हैं।
गोंदिया जिले के सालेकसा तहसील में लगभग 18 से 19 महत्वपूर्ण विभाग प्रमुख और सरकारी कार्यालय हैं। लेकिन शुक्रवार को कार्यालय में कुछ ही विभाग प्रमुख उपस्थित दिखाई दिए व बाकी के विभाग प्रमुख व कर्मचारी गायब दिखाई दिए।
कुछ सरकारी कार्यालयों में कुर्सियां खाली हैं और सरकारी कार्यालयों में पंखे, कूलर और लाइटें हमेशा जलती रहती हैं जब कर्मचारी कार्यालय में मौजूद नहीं होते। इसमें भी सरकार का लाखों रुपयां बर्बाद हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि, पंचायत समिति, तहसील कार्यालय, एकात्मिक बाल विकास कार्यालय, सिंचाई विभाग, जिप शिक्षा विभाग, पंचायत विभाग, स्वास्थ्य विभाग, औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र, आदिवासी विभाग, निर्माण विभाग, कृषि कार्यालय, वन विभाग कार्यालय, नपं कार्यालय, पशु चिकित्सा कार्यालय, पटवारी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों के गायब होने से काम ठप हो गया है। नागरिकों की ओर से नाराजगी भरे सवाल भी आने लगे हैं कि इस पर कार्रवाई कौन करेगा।
यह भी पढ़ें:- BJP को रोकने के लिए उद्धव-राज की सुलह चाहते थे शिंदे, संजय राउत के दावे से मचा सियासी हड़कंप
महाराष्ट्र सरकार ने पिछले ढाई-तीन सालों से पांच दिन का सप्ताह लागू कर रखा है, इसलिए आम आदमी का काम समय पर नहीं हो रहा है। कुछ कर्मचारी हमेशा सोमवार से शुक्रवार तक सेवा नहीं देते। वे पांच दिनों में से एक दिन कार्यालय आते हैं और रजिस्टर पर सप्ताह भर के हस्ताक्षर करके एक महीने का वेतन ले लेते हैं।
कई सरकारी कार्यालयों में बायोमेट्रिक अंगूठे नहीं होते। इसलिए, देर से आने और कार्यालय न छोड़ने से रोकने के लिए सीसीटीवी कैमरे भी नहीं हैं। कई अधिकारी मुख्यालय पर न होने, बैठकों और समीक्षा बैठकों के नाम पर कार्यालय से गायब भी रहते हैं।
सरकार को पहले की तरह शनिवार को भी सरकारी कार्यालय खोलने चाहिए, सरकार को प्रत्येक विभाग प्रमुख के कार्यालय में होने या न होने और मुख्यालय पर रहने या न रहने की भी जांच करनी चाहिए और दोषी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए, ऐसी मांग की जा रही है।






