(प्रतीकात्मक तस्वीर)
Gondia Liquor Ban News: महिला बचत समूह व महात्मा गांधी विवादमुक्त ग्राम समिति की पहल पर गोंदिया जिले के 241 गांवों में शराब पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। ऐसे में 315 गांव शराबबंदी के कगार पर हैं। इन समितियों ने शराबबंदी के साथ-साथ गांव में सट्टेबाजी, जुआ और अन्य अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने का प्रयास किया है।
शराब के कारण पारिवारिक विवाद, शराबी के घर बर्बाद होने की कगार पर है। शराब से कई घर बर्बाद हो गए हैं। गांव की इस विकट स्थिति को देखते हुए महिलाएं गांव की तस्वीर बदलने में अहम भूमिका निभाती हैं। इसलिए महात्मा गांधी विवादमुक्त ग्राम समिति ने गांव की महिलाओं को आड़े हाथों लेते हुए गांव में शराब पर प्रतिबंध लगा दिया है।
विवादमुक्त ग्राम समिति के पदाधिकारियों ने गांव में अवैध धंधों को रोकने के लिए सख्ती से काम करना शुरू कर दिया है। 315 गांवों में से कुछ ने अपने गांवों में शराब पर प्रतिबंध लगाने की पहल की थी। लेकिन कुछ नेताओं और असामाजिक तत्वों ने उन्हें दबाने की कोशिश की।
नागरिकों का कहना है कि कुछ जगहों पर शराब पर प्रतिबंध लगाने में उन्हें पुलिस का सहयोग नहीं मिल रहा है। शराबबंदी वाले गांव में शराब बेचते और शराब पीकर हंगामा करने वालों से जुर्माना वसूला जा रहा है। शराब विक्रेताओं की शराब पकड़ने वाले ग्रामीणों को पुरस्कार देने की योजना लागू की है।
गोंदिया जिले के जिन गांवों में शराब प्रतिबंधित है, वहां शराब की बिक्री रोकने के लिए महात्मा गांधी विवादमुक्त ग्राम समितियों ने शराब बंदी के खिलाफ ग्रामीणों को सशक्त बनाने के लिए ‘शराब पकड़ो-पुरस्कार पाओ’ पहल लागू की थी। लेकिन अब इस पहल की अनदेखी हो रही है।
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शहर थाने के तहत दो गांव, ग्रामीण थाने के तहत 27 गांव, आमगांव थाने के तहत 36 गांव, सालेकसा थाने के तहत 16 गांव, तिरोड़ा थाने के तहत 41 गांव, गोरेगांव थाने के तहत 19 गांव, डुग्गीपार थाने के तहत 21 गांव, केशोरी थाने के तहत 7 गांव, अर्जुनी मोरगांव थाने के तहत 11 गांव, नवेगांवबांध थाने के तहत 14 गांव, गंगाझरी थाने के तहत 8 गांव, दवनीवाड़ा थाने के तहत 9 गांव और चिचगढ़ थाने के तहत 18 गांवों में शराबबंदी लगाई गई है। रामनगर थाने के तहत कटंगी और कुड़वा दोनों गांवों में शराबबंदी के लिए विवादमुक्त समिति का प्रयास जारी है।